इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने बैंकों में धोखाधड़ी से निपटने के लिए बैंकरों के नियमित प्रशिक्षण का सुझाव दिया है। एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय से कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को सतर्कता बढ़ाने और धोखाधड़ी रोकने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बैंकरों के वास्ते नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का निर्देश दे।
आईबीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने पाया है कि हाल के दिनों में धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। बेहतर तालमेल और धोखाधड़ी की स्थिति से निपटने के लिए बैंकरों को ज्यादा जानकारी देने के मकसद से आईबीए ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि सरकारी बैंक सीबीआई के अधिकारियों के साथ क्षमता निर्माण सत्रों का आयोजन कर सकते हैं। बैंक व्यक्तिगत स्तर पर भी कुछ सत्र आयोजित करने के लिए सीबीआई अधिकारियों को आमंत्रित करने के लिए सक्षम होने चाहिए।’
अधिकारी ने यह भी कहा कि पारदर्शिता, जवाबदेही और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को तीसरे पक्ष की एजेंसियों, विशेष रूप से रेटिंग एजेंसियों को पैनल में शामिल करने और हटाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करना चाहिए। अधिकारी ने कहा, ‘इस प्रक्रिया में एजेंसी का ट्रैक रिकॉर्ड, कामकाज का तरीका, नियामकीय अनुपालन और प्रदर्शन के इतिहास जैसे स्पष्ट मानदंड शामिल होने चाहिए।’
बैंकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी के मामले पिछले 5 साल में चार गुना बढ़कर 36,075 हो गए हैं, लेकिन इस धोखाधड़ी में शामिल राशि उल्लेखनीय रूप से घटकर वित्त वर्ष 2024 में 14,000 करोड़ रुपये रह गई है, जो वित्त वर्ष 2020 में 1.85 लाख करोड़ रुपये थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी ताजा सालाना रिपोर्ट में कहा है कि पिछले 3 साल से ज्यादा समय में निजी क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के ज्यादातर मामले आए हैं, वहीं धोखाधड़ी की राशि के मामले में सरकारी बैंक अव्वल हैं।
धोखाधड़ी की संख्या मुख्य रूप से डिजिटल भुगतान (कार्ड या इंटरनेट) के माध्यम से देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2020 के 2,677 से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 29,082 हो गई।मूल्य के हिसाब से देखें तो मुख्य रूप से ऋण पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी हुई है, जो धीरे धीरे कम हो कर वित्त वर्ष 2024 में 11,772 करोड़ रुपये रह गई है। यह राशि वित्त वर्ष 2020 में 1.81 लाख करोड़ रुपये थी।