UPS Big update: यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के समान टैक्स लाभ देने के लिए जरूरी बदलाव किए हैं। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि UPS को टैक्स स्ट्रक्चर के अंतर्गत शामिल करना पारदर्शी, लचीले और कर-कुशल विकल्पों के जरिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में सरकार का एक और कदम है।
मंत्रालय ने कहा, “सरकार ने तय किया है कि NPS के तहत उपलब्ध कर लाभ UPS पर भी लागू होंगे क्योंकि यह एनपीएस के तहत एक विकल्प है।” ये प्रावधान मौजूदा एनपीएस संरचना के साथ समानता सुनिश्चित करते हैं और यूपीएस का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को पर्याप्त कर राहत और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी, 2025 को अधिसूचित किया था कि एक अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवा में भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के तौर पर यूपीएस को लागू किया था। इस अधिसूचना के बाद एनपीएस के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस के तहत शामिल होने का एकबारगी विकल्प मिल गया।
इस स्ट्रक्चर को क्रियान्वित करने के लिए पेंशन कोष विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने 19 मार्च 2025 को पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत एकीकृत पेंशन योजना का संचालन) विनियम, 2025 को अधिसूचित किया। यूपीएस केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो एनपीएस के दायरे में आते हैं और एनपीएस के तहत इस विकल्प को चुनते हैं। इस विकल्प का प्रयोग 23 लाख सरकारी कर्मचारी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को UPS का विकल्प लाने की मंजूरी दी थी। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को जनवरी, 2004 से बंद कर दिए जाने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS लाया गया था।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और पुरानी पेंशन योजना (UPS) दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। यह जान लें कि केंद्र सरकार के कर्मचारी दोनों योजनाओं का लाभ एक साथ नहीं ले सकते। वे या तो NPS में बने रह सकते हैं या फिर 1 अप्रैल 2025 से UPS में शिफ्ट हुए हैं। एक बार अगर किसी कर्मचारी ने UPS को चुन लिया, तो वह दोबारा NPS में वापस नहीं जा सकता। यानी UPS को चुनना अंतिम निर्णय होगा।