क्रिप्टो दिग्गज कॉइनडीसीएक्स और कॉइनस्विच की वर्ष के अंत की रिपोर्टों के संकलन से पता चलता है कि देश में ज्यादातर क्रिप्टो निवेशकों ने प्रमुख वर्चुअल डिजिटल ऐसेट्स (वीडीए) जैसे बिटकॉइन, ऑल्टकॉइन (जैसे डॉजिकॉइन, शिबा इनु और एथेरियम) और नॉन-फंजिबल टोकंस (एनएफटी) में निवेश किया।
क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनडीसीएक्स के अनुसार उसके प्लेटफॉर्म पर कुल निवेश का 14.6 प्रतिशत बिटकॉइन से जुड़ा हुआ था, जबकि कॉइनस्विच में ऐसी डिजिटल परिसंपत्तियों का हिस्सा 7 प्रतिशत था। दिसंबर में बिटकॉइन में आई ताजा तेजी की वजह से क्रिप्टोकरेंसी 100,000 डॉलर के स्तर को पार कर गई जिससे भारतीय निवेशक घरेलू क्रिप्टो एक्सचेंजों की ओर आकर्षित हुए।
इन क्रिप्टो एक्सचेंजों के उपयोगकर्ता आधार में वृद्धि हुई है। साथ ही, 2024 में महिला क्रिप्टो निवेशकों की संख्या भी बढ़ी है। कॉइनडीसीएक्स का उपयोगकर्ता आधार सालाना आधार पर 14.3 फीसदी बढ़कर 2024 में 1.6 करोड़ निवेशक हो गया जो पिछले साल करीब 1.4 करोड़ था।
इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 15 फीसदी निवेशक महिलाएं थीं जबकि अमीर लोगों (एचएनआई) में महिलाओं की भागीदारी 2024 में बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत हो गई है। कॉइनस्विच का उपयोगकर्ता आधार बढ़कर 2 करोड़ से अधिक निवेशकों तक पहुंच गया जिनमें लगभग 11 प्रतिशत महिलाएं हैं।
दोनों रिपोर्ट में 2024 में क्रिप्टो निवेश के मामले में शीर्ष-10 भारतीय शहरों की सूची के मुख्य नामों में नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु, पुणे और कोलकाता शामिल हैं। खास बात यह कि कुछ छोटे शहरों/कस्बों की शीर्ष-10 की सूची में लखनऊ, गुजरात में बोटाड, जयपुर, गुवाहाटी, लुधियाना, नागपुर और अन्य मुख्य रूप से शामिल हैं।
ताजा आंकड़ों के अनुसार समग्र आधार पर क्रिप्टो कंपनियों का संयुक्त प्रूफ ऑफ रिजर्व (पीओआर) 8,600 करोड़ रुपये था। पीओआर इस बात का ‘प्रूफ’ है कि वित्तीय इकाई के पास वे होल्डिंग हैं, जिनका वह दावा कर रही है।
क्रिप्टो कंपनियां ग्राहकों को इससे अवगत कराने के लिए पीओआर ऑडिट प्रकाशित करती हैं कि कस्टोडियन या क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के पास पर्याप्त तरलता है और उपयोगकर्ता किसी भी समय अपना पैसा निकाल सकते हैं। 2024 में एक अन्य घरेलू क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स को साइबर सेंधमारी का सामना करना पड़ा जिसमें उसकी लगभग 45 प्रतिशत क्रिप्टो परिसंपत्तियां निकाल ली गईं।