भारत के प्रख्यात क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक वजीरएक्स पर हुई 23 करोड़ डॉलर की गड़बड़ी के बाद उपयोगकर्ताओं द्वारा अपना पैसा वापस पाने के लिए कानूनी उपायों से जुड़ी चिंता और इस क्षेत्र में मजबूत विनियमन की मांग तेज हो गई है। पिछले सप्ताह क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपने प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा में सेंध की पुष्टि की।
एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म से करीब उसकी 50 प्रतिशत परिसंपत्तियों की चोरी हो गई। हालांकि वजीरएक्स ने इसे अपने नियंत्रण से बाहर एक ‘अप्रत्याशित घटना’ बताया है, लेकिन कंपनी का कहना है कि वह खोए हुए पैसे का पता लगाने और उसे वापस पाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, क्रिप्टो अधिकारियों और इस घटनाक्रम से अवगत लोगों का कहना है कि कंपनी के प्लेटफॉर्म पर नए साइबर तरीके से हुए हमले की वजह से गायब हुई राशि को वापस आसान काम नहीं होगा।
क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनस्विच के सह-संस्थापक आशिष सिंघल ने कहा, ‘चोरी हुए क्रिप्टो को वापस पाना मुश्किल है क्योंकि उनमें से ज्यादातर को दूसरे टोकन में बदल दिया जाता है और चूंकि क्रिप्टो का लेनदेन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होता है, इसलिए इसे किसी भी देश के किसी भी एक्सचेंज में भेजा जा सकता है।
अच्छी बात यह है कि लेनदेन को ट्रैक किया जा सकता है और पिछले कुछ मामलों में इसका पता लगाकर वापस भी लिया गया है।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पैमाने के साइबर हमले के बाद धन की वसूली एक कठिन प्रक्रिया है, क्योंकि चुराई गई राशि कई वर्षों तक वॉलेट में रह सकती है।
इस बीच, भारत में क्रिप्टो के लिए नियामकीय परिवेश के अभाव की पृष्ठभूमि में, चोरी किए गए टोकन से जुड़े लेनदेन को समाप्त करना एक चुनौती बन गया है।
क्रिप्टो प्लेटफॉर्म म्युड्रेक्स के मुख्य कार्याधिकारी एदुल पटेल ने कहा, ‘हालांकि इसे ट्रैक किया जा सकता है, फिर भी आप हर जगह इसके इस्तेमाल को रोक नहीं सकते। यही असली समस्या है क्योंकि विकेंद्रीकृत प्लेटफॉर्म हमेशा बना रहेा जिससे जहां इन टोकन को एक से दूसरे में या एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में बदला जा सकता है।’
इस क्षेत्र पर नजर रखने वाले कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जिन उपयोगकर्ताओं ने अपना पैसा खो दिया है, वे मदद या उपाय के तौर पर देश के उपभोक्ता संरक्षण कानूनों पर ध्यान दे सकते हैं।
वजीरएक्स ने एक बयान में कहा है, ‘साइबर हमले के संदर्भ में हमने एक ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज कराई है और एक ऑफलाइन शिकायत भी दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। हमने वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) और सीईआरटी-इन को घटनाक्रम की सूचना दे दी है।’
रविवार को, वजीरएक्स ने चोरी की गई राशि को ट्रैक करने और फ्रीज करने के लिए एक इनाम कार्यक्रम की घोषणा की।