Wall Street: मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में अच्छी तेजी देखने को मिली, वहीं डॉलर में भी मजबूती लौटी। इसकी दो प्रमुख वजहें रहीं – अमेरिका और चीन के बीच चल रही टैरिफ बातचीत में थोड़ी प्रगति और शुक्रवार को आने वाली अमेरिकी रोजगार रिपोर्ट से पहले निवेशकों की सतर्क तैयारी। टेक्नोलॉजी शेयरों की मदद से नैस्डैक सबसे आगे रहा। व्हाइट हाउस की ओर से यह भरोसा दिलाया गया कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इस हफ्ते चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार विवाद को सुलझाया जा सके।
सोने की कीमत में गिरावट आई क्योंकि डॉलर में मजबूती देखी गई। डॉलर की रिकवरी से सोने की चमक कुछ फीकी पड़ गई। सोना करीब चार हफ्तों के हाईउच्च स्तर से नीचे आ गया। कई निवेशकों ने मुनाफावसूली भी की, जिससे कीमत में गिरावट आई।
Horizon Investment Services के CEO चक कार्लसन ने कहा कि बाजार में तेजी की कोई एक सीधी वजह बताना मुश्किल है। उन्होंने माना कि निवेशकों को अब लगने लगा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ नहीं जा रही। साथ ही शुक्रवार को आने वाली जॉब रिपोर्ट से पहले कुछ लोग अपने निवेशों को लेकर पहले से पोजिशन ले रहे हैं।
अमेरिका अपने व्यापार साझेदारों पर दबाव बना रहा है कि वे बुधवार तक अपने प्रस्ताव दें। लेकिन लंबे समय से चल रही बातचीत और बार-बार बढ़ती डेडलाइनों के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर आशंका बढ़ रही है। OECD ने कहा है कि दुनिया की आर्थिक वृद्धि पहले से ज्यादा सुस्त हो सकती है और इसकी बड़ी वजह ट्रंप का ट्रेड वॉर है। इसने चेतावनी दी कि अगर संरक्षणवाद (protectionism) और बढ़ा तो महंगाई और सप्लाई चेन की दिक्कतें और गहराएंगी।
मंगलवार को अमेरिकी श्रम विभाग ने बताया कि अप्रैल महीने में खाली नौकरियों की संख्या उम्मीद से ज्यादा रही, लेकिन दूसरी ओर फैक्ट्री ऑर्डर्स में भारी गिरावट दर्ज की गई। अब सबकी निगाहें शुक्रवार को आने वाली मई की रोजगार रिपोर्ट पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि मई में अमेरिका में करीब 1.3 लाख नई नौकरियां जुड़ी होंगी और बेरोजगारी दर 4.2% पर स्थिर रह सकती है।
अमेरिका के तीनों प्रमुख शेयर सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। डाउ जोंस 214 अंक, एसएंडपी 500 करीब 34 अंक और नैस्डैक 156 अंक चढ़ गया। यूरोपीय बाजारों में भी हल्की बढ़त देखने को मिली, क्योंकि यूरोज़ोन में महंगाई दर यूरोपीय सेंट्रल बैंक के लक्ष्य से नीचे चली गई है, जिससे आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बनी है। एशियाई बाजारों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। जापान का निक्केई थोड़ा गिरा, जबकि बाकी एशिया में हल्की बढ़त रही।
डॉलर इंडेक्स मंगलवार को 0.71% की मजबूती के साथ 99.28 पर पहुंच गया। युआन और येन के मुकाबले डॉलर में तेजी रही। दूसरी ओर, अमेरिका के 10 और 30 साल की अवधि वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड थोड़ी घटी, जबकि 2 साल के बॉन्ड की यील्ड मामूली बढ़ी, जिससे साफ है कि बाजार में ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
कच्चे तेल की कीमतों में फिर से उछाल आया है। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बनी अनिश्चितता और यूक्रेन युद्ध की बढ़ती गंभीरता ने कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी क्रूड 1.42% बढ़कर 63.41 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 1.55% चढ़कर 65.63 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई। डॉलर की मजबूती के साथ-साथ निवेशकों की ओर से की गई मुनाफावसूली की वजह से सोना 0.78% गिरकर 3,352.87 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। अमेरिकी सोना वायदा भी 0.59% गिरकर 3,350.60 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)