शेयर बाजार में पेटीएम के पहले ही दिन औंधे मुंह गिरने से उन शेयरों की मुश्किल बढ़ गई है, जो अभी तक सूचीबद्घ नहीं हुए हैं। नियमित तौर पर कारोबार करने वाले कई गैर-सूचीबद्ध शेयरों के दाम इस सप्ताह 40 प्रतिशत तक घट गए हैं। इन शेयरों के कारोबार में मदद करने वाली इकाइयों को डर सताने लगा है कि जिन कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं, उनमें तथा गैर-सूचीबद्घ कंपनियों के शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी कम हो सकती है। पेटीएम के शेयरों की भारी बिकवाली से निवेशकों का उत्साह काफूर हो गया है।
गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की खरीदफरोख्त से जुड़ी सेवाएं देने वाली कंपनी अनलिस्टेड जोन के निदेशक दिनेश गुप्ता कहते हैं, ‘पेटीएम की खराब शुरुआत गैर-सूचीबद्ध शेयरों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही है। इससे नुकसान में चल रही तकनीकी कंपनियों की आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना खटाई में पड़ गई है। गैर-सूचीबद्ध शेयरों के बाजार में भी चकाचौंध कम हो गई है। अब जब तक एक-दो धमाकेदार आईपीओ नहीं आते हैं तब तक हालात में सुधार की उम्मीद न के बराबर है।’
गुप्प्ता ने कहा कि रिलायंस रिटेल का शेयर हाल की अपनी ऊंचाई से 25 प्रतिशत कम दाम पर कारोबार कर रहा है। मोबिक्विक और एएसजी ट्रांजैक्ट के शेयर भी 40 प्रतिशत तक लुढ़क चुके हैं। बाजार में कारोबारी आगे और गिरावट आने की आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गैर-सूचीबद्ध शेयरों के बाजार की गतिविधियां आईपीओ बाजार में संभावित हलचल का संकेत देती हैं।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘ऐसे शेयरों का कारोबार भविष्य में आईपीओ बाजार की दिशा भी बताता है। मुझे लगता है कि अभी और गिरावट आएगी। इसका स्वागत भी किया जाना चाहिए। गिरावट हमें यह भी बता रही है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले सामान्य तर्क शक्ति का इस्तेमाल करना चाहिए और आंख मूंदकर निवेश करने से बचना चाहिए। गैर-सूचीबद्ध शेयरों का कारोबार अब इस बात पर निर्भर करेगा कि वे कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं अथवा उनमें मुनाफा कमाने की संभावनाएं दिख भी रही हैं या नहीं।
