डेट म्युचुअल फंडों को मिलने वाले कर लाभ की समाप्ति के सरकार के फैसले के बाद धनाढ्य निवेशक (HNI) और फैमिली ऑफिस उच्च प्रतिफल वाली परिसंपत्तियों का पीछा करते हुए ऑल्टरनेट निवेश फंडों (AIF) की ओर मुड़ सकते हैं।
पिछले शुक्रवार को लोकसभा ने 45 संशोधनों के साथ वित्त विधेयक पारित कर दिया। इसके तहत डेट फंडों से मिलने वाले फायदे पर कर लगेगा, चाहे निवेश की अवधि कुछ भी हो। इस कदम से 40 लाख करोड़ रुपये वाले म्युचुअल फंड उद्योग को मिलने वाला इंडेक्सेशन व लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर का फायदा अब समाप्त हो जाएगा।
1 अप्रैल से डेट म्युचुअल फंडों में निवेश पर कर के बाद रिटर्न तेजी से घटेगा, खास तौर से ज्यादा टैक्स ब्रैकेट में आने वालों के रिटर्न में। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा HNI को लक्षित करने वाले AIF को फायदा मिलने की उम्मीद है क्योंकि अब डेट म्युचुअल फंडों के साथ कर समानता हो गई है।
एवेंडस स्ट्रक्चर्ड क्रेडिट फंड के फंड मैनेजर नीलेश डेढ़ी ने कहा, अभी डेट AIF व डेट म्युचुअल फंडों के बीच निवेशक के स्तर पर कराधान में अंतर है। डेट AIF पर मामूली दर से कर लगता है, वहीं डेट म्युचुअल फंडों पर लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर 20 फीसदी से लगता है (अगर निवेश तीन साल से ज्यादा हो) और इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलता है।
उन्होंने कहा, नए वित्त विधेयक 2023 के साथ दोनों श्रेणियों पर कर की दर आगे एकसमान होगी और इस वजह से कर के बाद रिटर्न शुद्ध रूप से फंड की तरफ से सृजित कर पूर्व रिटर्न की कवायद होगी। चूंकि डेट AIF की प्रकृति उच्च पोर्टफोलियो रिटर्न हासिल करने की होती है, ऐसे में यह HNI, फैमिली ऑफिस को आकर्षित कर सकता है, जो ज्यादा रिटर्न वाली डेट योजनाओं पर नजर डालते हैं।
AIF में प्राइवेट क्रेडिट फंड का लक्ष्य दो अंकों में रिटर्न सृजित करने का होता है। परफॉर्मिंग क्रेडिट फंड, रियल एस्टेट फंड, स्पेशल सिचुएशन फंड, वेंचर डेट फंड और डिस्ट्रेस्ड फंडों का लक्ष्य 8 से 20 फीसदी तक के आंतरिक रिटर्न के दर का होता है। इसकी तुलना में ज्यादातर डेट एमएफ का रिटर्न 4 से 8 फीसदी के बीच होता है।
ऐसे में कर के बाद कुछ निश्चित AIF का रिटर्न करीब 9 फीसदी हो सकता है, यह मानते हुए कि 42 फीसदी कर के साथ 15 फीसदी प्रतिफल हासिल होगा। इससे पहले डेट म्युचुअल फंडों का कर बाद रिटर्न 7 से 8 फीसदी होता है, यह मानते हुए कि तीन साल के इंडेक्सेशन लाभ व 20 फीसदी एलटीसीजी टैक्स के बाद प्रतिफल 8 फीसदी है। AIF की तरफसे सृजित कर पूर्व रिटर्न ज्यादा होने के बावजूद डेट म्युचुअल फंड अभी भी बेहतर रहा है, जिसकी वजह कर को लेकर मिलने वाला फायदा है।
आने वाले समय में डेट म्युचुअल फंडों का कर पश्चात रिटर्न प्रतिकूल हो सकता है जब हम उसकी तुलना प्राइवेट क्रेडिट से करेंगे। यह अलग बात है कि AIF में न्यूनतम निवेश 1 करोड़ रुपये होता है, ऐसे में छोटे निवेशक डेट म्युचुअल फंडों के साथ बने रह सकते हैं या फिर अपने जोखिम के हिसाब से बैंकों की सावधि जमाओं का रुख कर सकते हैं।
सरकार के कदमों की इस आधार पर सराहना हुई है कि अब निवेश का फैसला पूरी तरह से जोखिम-रिटर्न के आयाम पर निर्भर करेगा, न कि कर के आधार पर होगा। नूवामा ऐसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष व प्रमुख अंशु कपूर ने कहा, अब कर व्यवहार को लेकर अंतर समाप्त हो गया है, ऐसे में निवेशक अपनी जोखिम, रिटर्न और इन्वेस्टमेंट मैनेजर के ट्रैक रिकॉर्ड के मुताबिक पोर्टफोलियो में आवंटन करेंगे।