अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान के अधिकारियों से बाजार की चिंता दूर करने का आश्वासन मिलने के बाद वैश्विक बाजार चढ़ गए। यह देखकर देसी सूचकांकों में भी तीन दिन से जारी गिरावट का सिलसिला आज थम गया। पिछले तीन कारोबारी सत्र में गिरावट से बीएसई कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब 22 लाख करोड़ रुपये घट गया था। सेंसेक्स 875 अंक की तेजी के साथ 79,468 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 305 अंक चढ़कर 24,298 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप में 2.5 फीसदी और स्मॉलकैप में 2.9 फीसदी तेजी दर्ज की गई।
बैंक ऑफ जापान के डिप्टी गवर्नर शिनीची उचिदा ने कहा कि बाजार में अस्थिरता के समय जापान का केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ाने से परहेज करेगा। जापान ने पिछले महीने ब्याज दर बढ़ाई थीं, जिसके बाद बाजार में काफी गिरावट आई थी। उचिदा ने कहा कि जापान की अर्थव्यवस्था ऐसी नहीं है कि बैंक तयशुदा रफ्तार से दरें नहीं बढ़ाए तो पिछड़ जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में जब अस्थिरता होगी तो बैंक ऑफ जापान अपनी नीतिगत दरें नहीं बढ़ाएगा।
इस बीच फेडरल बैंक ऑफ शिकागो के प्रमुख ने अमेरिका के मंदी में जाने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि फेडरल रिजर्व अमेरिकी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएगा। सैन फ्रांसिस्को फेड की अध्यक्ष मैरी डेली ने कहा कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक कीमतों में स्थिरता लाने और रोजगार के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हरसंभव उपाय करेगा। मगर दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि फेड जरूरी लगने पर ही अपने रुख में बदलाव करेगा।
बीते शुक्रवार को रोजगार के आंकड़े आने के बाद से अमेरिका में मंदी की आशंका और चिंता बढ़ गई। आंकड़ों से पता चलता है कि भर्तियों में नरमी आई है। जापान में ब्याज दरें बढ़ने के बाद येन कैरी ट्रेड प्रभावित हुआ, जिससे वहां से निवेश निकाले जाने की चिंता के बीच दुनिया भर के बाजारों में उथलपुथल देखी गई थी।
बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 13.7 फीसदी घटकर 16.2 रह गया। पिछले दो सत्र में यह 20 फीसदी नीचे आया है। बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 9 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 449 लाख करोड़ रुपये हो गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘वैश्विक कारक और चुनौतियां बनी रह सकती हैं, जिसका अगले कुछ दिनों तक देसी बाजार पर असर रह सकता है। निफ्टी में राहत की तेजी दिखी मगर आगे उठापटक से इनकार नहीं किया जा सकता। सभी की नजरें रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा के गुरुवार को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं।’
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3,315 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की और देसी संस्थागत निवेशकों ने 3,801 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। सरकार द्वारा इंडेक्सेशन लाभ में बदलाव वापस लिए जाने के बाद रियल्टी शेयरों में तेजी आई और निफ्टी रियल्टी सूचकांक 1.8 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ।