आने वाले हफ्ते में भी बाजार की स्थिति बहुत बेहतर रहने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमत 142 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास पहुंच गई है।
अरिहंत कैपिटल मार्केट की प्रमुख अनीता गांधी का कहना है कि भारतीय बाजार एशियाई बाजारों के आस-पास कारोबार करेंगे। उनका कहना है कि पिछले हफ्ते अमेरिकी इंडेक्स डाऊ जोंस में 0.93 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि बीएसई सेंसेक्स 5.27 फीसदी गोता लगा चुका है।
बीते शुक्रवार को जारी थोक मूल्य सूचकांक का आंकड़ा भी बाजार के हित में नजर नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में ज्यादातर निवेशकों का मानना है कि निकट भविष्य में महंगाई दर घटने के कम ही आसार हैं। लीमान ब्रदर्स के रॉब सुब्रमणियन और सोनल वर्मा का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से स्थिति और खराब हो सकती है, जिसका असर बाजार पर भी दिखेगा।