Stock Market: शेयर बाजार में आज जोरदार बिकवाली दिखी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन पर चिंता जताए जाने के बाद निवेशकों ने इन शेयरों की जमकर बिकवाली की। इससे स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में दो साल में सबसे बड़ी गिरावट आई है।
निफ्टी स्मॉलकैप 5.3 फीसदी और निफ्टी मिडकैप 4.4 फीसदी लुढ़ककर बंद हुआ। करीब 2 फीसदी टूटने के बाद बेंचमार्क निफ्टी ने नुकसान की थोड़ी भरपाई की और 338 अंक या 1.5 फीसदी गिरावट के साथ 21,998 के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह सेंसेक्स 1,152 अंक तक टूट गया था मगर कारोबार की समाप्ति पर 906 अंक नुकसान के साथ 72,762 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 3,569 शेयर नुकसान में रहे और केवल 350 ही बढ़त पर बंद हुए। चौतरफा बिकवाली से बाजार पूंजीकरण में 13.5 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी।
विश्लेषकों ने कहा कि स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में मूल्यांकन ज्यादा होने की चिंता पिछले कुछ समय से बनी हुई है मगर नियामक के सख्त संदेश और हालिया कदम से इन शेयरों में बिकवाली बढ़ गई है। सेबी ने जोखिम के बारे में आगाह क्या किया, स्मॉलकैप सेगमेंट में 200 से ज्यादा शेयरों में करीब 20 फीसदी से ऊपर गिरावट आ गई।
सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने इसी सोमवार को ऊंचे मूल्यांकन पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि बाजार के कुछ श्रेणियों में तेजी का बुलबुला दिख रहा है, जिसे बढ़ने देना सही नहीं होगा।
म्युचुअल फंडों को अपनी मिड और स्मॉलकैप योजनाओं पर स्ट्रेस टेस्ट की रिपोर्ट इस हफ्ते के अंत तक सौंपनी है, जिससे निवेशक घबराए हुए हैं। म्युचुअल फंड योजनाओं के स्ट्रेस टेस्ट से पता चलेगा कि अचानक भुनाने का दबाव आने पर पोर्टफोलियो के पास भुगतान करने लायक तरलता है या नहीं। बाजार के भागीदारों ने कहा कि कुछ फंड मैनेजर अपनी
होल्डिंग को आंक रहे थे, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ा । कम तरलता वाले शेयरों में बिकवाली ज्यादा देखी गई। इसके अलावा बाजार के भागीदारों ने कहा कि दुबई के ट्रेडर हरिशंकर टिबड़ेवाल पर छापा पड़ने से भी स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली बढ़ी क्योंकि उनका स्मॉलकैप शेयरों में अच्छा खासा निवेश है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘म्युचुअल फंडों के पास ज्यादा स्मॉल और मिडकैप शेयर नही हैं मगर जो हैं, वे सभी ज्यादा तरल नहीं हैं। चतुर निवेशकों ने ये शेयर म्युचुअल फंडों को उपलब्ध कराए क्योंकि संस्थागत समर्थन मिलने से भाव चढ़ जाता है। यदि फंड इन शेयरों को बेचना चाहते हैं तो उन्हें वे महंगे पड़ेंगे क्योंकि इनके ज्यादा लिवाल ही नहीं हैं। इसीलिए स्ट्रेस टेस्ट पर घबराहट देखी जा रही है।’
भट्ट ने कहा कि इस बात की भी आशंका है कि म्युचुअल फंडों में टिबड़ेवाल के पास मौजूद कुछ शेयर हो सकते हैं। 7 फरवरी को 16,566 के अपने उच्चतम स्तर से निफ्टी स्मॉलकैप करीब 14 फीसदी नीचे आ चुका है, जबकि मिडकैप में 7 फीसदी गिरावट आई है।
विश्लेषकों ने कहा कि स्मॉल और मिडकैप शेयरों में आगे और बिकवाली देखी जा सकती है। भट्ट ने कहा, ‘स्मॉल और मिडकैप शेयरों का मूल्यांकन लार्ज कैप की तुलना में काफी ज्यादा है और यह टिकेगा नहीं। इसलिए इसमें गिरावट आनी तय है। अगर इन कंपनियों ने अच्छी कमाई नहीं दिखी तो मध्य अवधि में इन शेयरों में उछाल की संभावना कम ही है।’
अवेंडस कैपटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा कि रिजर्व बैंक और सेबी की हालिया कार्रवाई के बाद जो अनिश्चितता थी, इस समय नियामकीय निगरानी पर उससे ज्यादा अनिश्चितता है। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक और स्थानीय स्तर पर ऐसे कोई नए संकेत नहीं है जिससे शेयरों में उठापटक दिखे।