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Stock Market: सेंसेक्स और निफ्टी करीब आधा फीसदी फिसले

कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बैंकिंग शेयरों में नुकसान ने बाजार को नीचे खींच लिया। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी का मनोबल पर असर

Last Updated- December 30, 2024 | 9:42 PM IST
Stock Market: Sensex and Nifty slipped almost half percentसेंसेक्स और निफ्टी करीब आधा फीसदी फिसले

इस साल के आखिरी दिन से पहले के कारोबारी सत्र में सोमवार को बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट दर्ज हुई। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बैंकिंग शेयरों में नुकसान ने बाजार को नीचे खींच लिया। लगातार दो कारोबारी सत्रों में बढ़त के बाद निफ्टी-50 इंडेक्स सोमवार को 169 अंक टूटकर 23,645 पर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स ने 451 अंकों की गिरावट के साथ 78,248 पर कारोबार की समाप्ति की। दिन के उच्चस्तर से सेंसेक्स 845 अंक यानी 1.1 फीसदी टूटा। ज्यादातर वैश्विक बाजारों में कमजोर कारोबार हुआ क्योंकि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में इजाफा और अमेरिका में ब्याज दरों में अनुमान से कम कटौती की संभावना का मनोबल पर असर पड़ा।

एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 1-1 फीसदी टूटा और बाजार के प्रदर्शन पर इनका सबसे ज्यादा असर पड़ा। तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 0.8 फीसदी की कमजोरी दर्ज हुई और उसने सेंसेक्स को 60 अंक नीचे किया। हाल में शामिल जोमैटो में 4.33 फीसदी का इजाफा हुआ और उसने 69 अंकों का सकारात्मक योगदान किया। इंडिया वीआईएक्स सूचकांक 5.5 फीसदी चढ़कर 13.97 पर पहुंच गया।

फेडरल रिजर्व ने 2025 में दरों में धीमी कटौती का अनुमान जताया है। इससे अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि हुई है। इन दो कारकों ने उभरते बाजारों की परिसंपत्तियों का आकर्षण घटा दिया। 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी (जो महीने की शुरुआत के दौरान 4.2 फीसदी से नीचे कारोबार कर रहा थ) फेड के सख्त पूर्वानुमान के बाद 4.6 फीसदी तक पहुंच गया है।

एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज में सहायक उपाध्यक्ष (खुदरा इक्विटी-शोध) सौरभ जैन ने कहा कि ऊंचे यील्ड ने विदेशी निकासी को तेज कर दिया है। सात ही, ऊंचे मूल्यांकनों की चिंता और 2025 में अमेरिका में दर कटौती का अनुमान कम होने का भी मनोबल पर असर पड़ा है।

सोमवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,893.16 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि इस महीने एफपीआई निवेश का अब तक आंकड़ा सकारात्मक रहा है। लेकिन 18 दिसंबर को फेड की नवीनतम नीति बैठक के बाद विदेशी फंडों की बिकवाली तेज हो गई है।

मोतीलाल ओसवाल के प्रमुख (शोध, वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि एफपीआई की लगातार बिकवाली से निवेशकों की धारणा बिगड़ी है। उनकी बिकवाली इस महीने अब तक 10,444 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए हमें उम्मीद है कि पहली छमाही में बाजार अपने दायरे में मजबूती लेता रहेगा जबकि दूसरी छमाही में सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और कंपनियों की आय में बेहतरी के कारण सुधार देखा जा सकता है।

सेंसेक्स और निफ्टी साल 2024 की समाप्ति एक अंकों में बढ़ोतरी के साथ करने वाले हैं। इस साल अब तक के लिहाज से इन दोनों सूचकांकों में करीब 8-8 फीसदी से थोड़ा सा ज्यादा इजाफा हुआ है।

First Published - December 30, 2024 | 9:42 PM IST

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