शेयर मार्केट के निवेशकों के लिए यह सप्ताह काफी व्यस्त रहने वाला है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशक कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के संभावित परिणामों और महंगाई के आंकड़ों पर नजर रखेंगे। इसके अलावा, ग्लोबर मार्केट के रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी शेयर मार्केट की दिशा तय करेंगी।
पिछले सप्ताह मार्केट में गिरावट देखी गई थी। BSE सेंसेक्स 932.42 अंक यानी 1.11 फीसदी नीचे आया, जबकि NSE निफ्टी 311.15 अंक यानी 1.22 फीसदी लुढ़क गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और तिमाही नतीजों की निराशाजनक शुरुआत ने मार्केट पर दबाव बनाया। खासकर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कनाडा और अन्य व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ की धमकी दी, जिसके बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
आने वाले सप्ताह में कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे निवेशकों के रडार पर रहेंगे। HCL Tech, Tech Mahindra, Axis Bank, Wipro और JSW Steel जैसी कंपनियां इस हप्ते रिजल्ट की घोषणा करेंगी। इसके साथ ही, 14 जुलाई को थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़े भी जारी होंगे, जो अर्थव्यवस्था की दिशा समझने में मदद करेंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा कि फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) के एक्शन्स और कच्चे तेल की कीमतों का रुझान भी मार्केट के लिए अहम रहेगा।
वैश्विक स्तर पर, निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता से जुड़ी खबरों और टैरिफ से संबंधित अपडेट्स पर नजर रखेंगे। इसके अलावा, अमेरिका की महंगाई और चीन के GDP आंकड़े भी मार्केट को प्रभावित कर सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि जैसे-जैसे तिमाही नतीजों का सिलसिला बढ़ेगा, शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। व्यापार वार्ता की अनिश्चितता के चलते मार्केट फिलहाल स्थिर रह सकता है।
पिछले सप्ताह की शुरुआत में मार्केट स्थिर रहा, लेकिन आखिरी सत्रों में मुनाफावसूली के कारण सूचकांक नीचे आए। अलमोंड्ज ग्लोबल के सीनियर इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट सिमरनजीत सिंह भाटिया ने कहा कि व्यापार सौदे की अनिश्चितता के बीच निवेशक बड़े दांव लगाने से बच रहे हैं। निवेशक अब घरेलू और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर ध्यान दे रहे हैं।