बेंचमार्क सूचकांकों में शुक्रवार को गिरावट दर्ज हुई क्योंकि अमेरिका में अनुमान से ज्यादा महंगाई ने वहां ब्याज दरों में कटौती की संभावना को धूमिल किया। बीएसई सेंसेक्स 230 अंक टूटकर 81,381 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 ने 34 अंकों की नरमी के साथ 24,964 पर कारोबार की समाप्ति की।
हफ्ते के दौरान सेंसेक्स 0.4 फीसदी टूटा जबकि निफ्टी में 0.2 फीसदी। दोनों सूचकांकों ने लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट दर्ज की। साल 2024 में सेंसेक्स ने चार मौकों पर लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट दर्ज की है जबकि निफ्टी ने तीन मौकों पर ऐसा किया है। पिछली बार अगस्त में दोनों सूचकांकों ने लगातार दो हफ्ते गिरावट दर्ज की थी।
अमेरिका में उपभोक्ता कीमत सूचकांक पर आधारित मुख्य महंगाई लगातार दूसरे महीने सितंबर में 0.3 फीसदी बढ़ी। साथ ही तीन महीने की सालाना दर 3.1 फीसदी पर रही जो मई के बाद सर्वाधिक है। अमेरिकी महंगाई के आंकड़े हाल में जारी उन आंकड़ों पर पानी फेर देते हैं जो कीमत दबाव में नरमी का संकेत दे रहे थे।
साथ ही फेडरल रिजर्व की ब्याज कटौती की मात्रा को लेकर बहस फिर शुरू हो गई है। कुछ विश्लेषकों को लगता है कि फेड नवंबर में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है। लेकिन दिसंबर की बैठक में कोई कटौती नहीं होगी। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का यील्ड 0.9 फीसदी बढ़ा और यह 4.09 फीसदी पर कारोबार कर रहा था।
सितंबर तिमाही के लिए कंपनियों की आय वृद्धि को लेकर चिंता ने मनोबल पर और चोट पहुंचाई। देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का सितंबर तिमाही में प्रदर्शन नरम रहा। कंपनी का शुद्ध लाभ 1.1 फीसदी घटा। टीसीएस का शेयर 1.8 फीसदी टूट गया और यह सेंसेक्स के शेयरों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला रहा।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में आय की डाउनग्रेडिंग की चिंता ने भारतीय शेयरों के मूल्यांकन के लिए मुश्किल कर दी है। हालांकि घरेलू म्युचुअल फंडों में सतत निवेश (सितंबर में एसआईपी के जरिये रिकॉर्ड 24,500 करोड़ रुपये का निवेश आया) यह सुनिश्चित करेगा कि एफआईआई की बिकवाली की भरपाई देसी संस्थागत निवेशकों की खरीद कर ले।
अक्टूबर में अभी तक का रुझान ऐसा ही रहा है। निवेश के चीन की तरफ जाने और पश्चिम एशिया में बढ़ते भूराजनीतिक तनाव की चिंता के बीच भारतीय बाजारों में गिरावट का रुख है। आने वाले समय में बाजार की दिशा आय से तय होगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा कि हर बढ़त पर बाजार बिकवाली के दबाव का सामना कर रहा है।
हालांकि प्रमुख दिग्गजों में सुदृढ़ता ने गिरावट की रफ्तार को धीमा किया है। हम निफ्टी में तब तक सतर्क रुख अपनाने की सलाह दे रहे हैं जब तक कि यह 20 दिन के एक्सपोनेंशियल मूविंग एववेज के पार न निकल जाए जो अभी 25,300 के स्तर पर है। दोनों तरफ मौका होने से कारोबारियों को सावधानी से शेयर के चयन और प्रभावी कारोबार प्रबंधन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात सकारात्मक रहा और 2,143 शेयर चढ़े जबकि 1,751 में गिरावट आई। सेंसेक्स के आधे शेयर नीचे आए। टीसीएस और आईसीआईसीआई बैंक का शेयर क्रमश: 1.6 फीसदी व 0.7 फीसदी टूटा और सेंसेक्स की गिरावट में इनका योगदान सबसे ज्यादा रहा। धातु शेयरों में बढ़ोतरी हुई क्योंकि निवेशक चीन की अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए 283 अरब डॉलर के नए प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे हैं।