पिछले तीन दिनों से रोजाना बड़ी गिरावट झेल रहे शेयर बाजार की रंगत बुधवार को बदली नजर आई।
मंगलवार को 13000 से नीचे बंद हुए सेंसेक्स में बुधवार को निवेशकों ने जमकर खरीदारी की। इसकी वजह से सेंसेक्स 702.94 अंक की उछाल लेकर 13,664.62 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी में भी 196.60 अंकों की उछाल दर्ज की गई। कारोबार समाप्ति पर यह 4093.35 के स्तर पर बंद हुआ।
16 मई से गिरावट की मार झेल रहे सेंसेक्स में 5.4 फीसदी और निफ्टी में 5.1 फीसदी की उछाल आने से निवेशकों के चेहरे पर भी खुशी की चमक साफ दिख रही थी। खास बात यह कि बुधवार को सेंसेक्स पिछले तीन माह के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा चढ़ा। सेंसेक्स के चढ़ते ही रियल्टी क्षेत्र के निवेशकों की जान में भी जान आ गई, क्योंकि पिछले छह हफ्तों के दौरान इसमें करीब 40 फीसदी की गिरावट आई है। बुधवार को रियल्टी सूचकांक में 12.2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में भी 1.5 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों का रुख मिला-जुला रहा। एशियाई बाजारों में बुधवार को भी गिरावट का दौर जारी रहा, लेकिन यूरोपीय बाजारों में कुछ तेजी देखी गई। बीएसई में बैंकिंग, धातु, आईटी, ऊर्जा, तेल और गैस सूचकांकों में 5 से 6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। वाहन और फार्मा क्षेत्र के सूचकांक भी 2 फीसदी से ज्यादा बढ़त पर रहे। एकमात्र एफएमसीजी क्षेत्र ऐसा रहा, जिसमें गिरावट का रुख रहा। सेंसेक्स में बढ़ने वाले शेयरों में डीएलएफ, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, अंसल एपीआई, ओएनजीसी, एलएंडटी, इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील और जेपी एसोशिएट्स प्रमुख रहे।
रियल एस्टेट को मजबूती
पिछले कुछ दिनों से गर्दिश में चल रहे रियल्टी क्षेत्र के शेयरों में बुधवार को अच्छी बढ़त देखी गई। छह हफ्तों के दौरान करीब 40 फीसदी गिरावट झेलने वाले इस क्षेत्र के सूचकांक में करीब 12 फीसदी का उछाल आया। शेयरों की पुनर्खरीद की खबर मिलने से सबसे ज्यादा 15 फीसदी उछाल डीएलएफ के शेयरों में दर्ज किया गया। अंसल एपीआई, आकृति सिटी और हाउसिंग डेवलपमेंट के शेयरों में भी मजबूती दर्ज की गई।
सेंसेक्स की पांच बेहतरीन छलांगें
तारीख छलांग (अंकों में)
25 जनवरी 2008 1139.92
25 मार्च 2008 938
14 नवंबर 2007 893.58
23 अक्टूबर 2007 878.85
23 जनवरी 2008 864.13
9 अक्टूबर 2007 788.85
2008 : आगाज तो था सुनहरा ही…
2008 का साल शेयर बाजार के लिए सचमुच रोलर-कोस्टर सरीखा रहा। एक तरफ तो इसने साल की शुरुआत यानी जनवरी में इसने महज दो दिनों में लगभग 2300 अंकों की ऐतिहासिक और 17 मार्च को 951 अंकों की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट झेली, वहीं साथ ही 25 जनवरी को 1139 अंकों की ऐतिहासिक और 25 मार्च को 938 अंकों की दूसरी सबसे बड़ी छलांग भी लगाई।
साल की शुरुआत में ऐतिहासिक शिखर पर पहुंचने के बाद शेयर बाजार जो गिरा, तो कुछ छलांगे लगाने के बाद भी संभल नहीं पाया। गिरावट का आलम यह है कि 10 जनवरी पर 21,206.77 के ऐतिहासिक शिखर से लेकर 1 जुलाई तक यह 39 फीसदी नीचे आ चुका है।
इस साल की जबरदस्त गिरावट के शिकार सभी सेक्टर रहे मगर रियल एस्टेट (68.23 फीसदी), ऊर्जा (54.11 फीसदी), बैंक (53.64 फीसदी) और कैपिटल गूड्स (50.45 फीसदी), चार ऐसे सेक्टर रहे, जिनमें 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही। ये सभी सेक्टर ब्याज दरों पर बेहद निर्भर हैं और कड़ी मौद्रिक नीति के चलते ही इन पर सबसे ज्यादा गाज गिरी।