एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने शुक्रवार को कहा कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश के शुद्ध आंकड़े एसआईपी के सकल निवेश से तुलनायोग्य नहीं हैं। एक ओर जहां सकल एसआईपी निवेश के आंकड़े माह के दौरान म्युचुअल फंडों को एसआईपी निवेशकों से मिला कुल निवेश होता है वहीं शुद्ध एसआईपी निवेश उस माह के दौरान एसआईपी खातों से निकासी को समायोजित कर निकाला जाता है।
मीडिया से बातचीत में एम्फी के मुख्य कार्यकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि चूंकि निवेश निकासी वाली यूनिट कई महीनों और वर्षों के दौरान इकट्ठा होती हैं। ऐसे में शुद्ध एसआईपी निवेश से इसकी तुलना नहीं हो सकती। सकल एसआईपी निवेश किसी खास महीने का निवेश आंकड़ा ही बताता है।
यह स्पष्टीकरण मीडिया की इन खबरों के बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि सकल एसआईपी निवेश में बढ़ोतरी जारी रहने के बावजूद शुद्ध निवेश का आंकड़ा स्थिर बना हुआ है। जुलाई में सकल एसआईपी निवेश 23,332 करोड़ रुपये रहा जबकि शुद्ध एसआईपी निवेश 8,964 करोड़ रुपये रहा।
एसआईपी और एकमुश्त निवेश समेत कुल निवेश के आधार पर इक्विटी फंडों की योजनाओं में जुलाई के दौरान 81,158 करोड़ रुपये का सकल निवेश आया। 44,045 करोड़ रुपये की निवेश निकासी (रीडम्पशन) को समायोजित करने के बाद शुद्ध निवेश 37,113 करोड़ रुपये बैठता है।