facebookmetapixel
प्री-इंस्टॉल नहीं रहेगा संचार साथी, अब स्पैम से निपटने के समाधान पर फोकस होना चाहिएआराम से रहें, एआई युग की सुबह का आनंद लें और डराने वाली सुर्खियों को नजरअंदाज करेंStock Market: सेंसेक्स- निफ्टी में बढ़त, लेकिन बाजार सतर्क क्यों?IPO का पैसा आखिर जाता कहां है?सिर्फ 12 महीने में 40%+ रिटर्न? ये हैं Axis Securities के हाई-कन्विक्शन पिक्स!2025 में मैटरनिटी इंश्योरेंस में 180% की जबरदस्त छलांग, कंजंप्शन-बेस्ड हेल्थ बीमा का बढ़ रहा रुझानPutin India visit 2025: 4 साल बाद भारत पहुंचे पुतिन, प्रधानमंत्री मोदी ने हवाईअड्डे पर किया स्वागतNFO Alert: Groww MF ने उतारा नया ETF, सिर्फ ₹500 से मेटल और माइनिंग सेक्टर में निवेश का मौका₹1,098 टच कर सकता है ये Hotel Stock, लीजिंग बिजनेज में तेजी; ब्रोकरेज की सलाह- खरीदेंपुतिन के भारत पहुंचने से पहले आई बड़ी खबर.. रूस देगा न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन; इतनी हैं कीमत

बिना दावा वाले शेयर और डिविडेंड का ट्रांसमिशन होगा आसान, MCAऔर SEBI तैयार कर रहे फ्रेमवर्क

मौजूदा मानदंडों और ट्रांसमिशन प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए गठित एक टास्क फोर्स द्वारा सितंबर के पहले सप्ताह में एक मसौदा प्रस्ताव जारी किए जाने की उम्मीद है।

Last Updated- August 26, 2025 | 10:41 PM IST
SEBI

कंपनी मामलों का मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) संयुक्त रूप से बिना दावे वाले शेयरों और लाभांश के हस्तांतरण को सरल बनाने के लिए एक ढांचे पर काम कर रहे हैं। मौजूदा मानदंडों और ट्रांसमिशन प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए गठित एक टास्क फोर्स द्वारा सितंबर के पहले सप्ताह में एक मसौदा प्रस्ताव जारी किए जाने की उम्मीद है।

नए ढांचे से शेयरधारक पहचान के लिए आवश्यकताओं में सामंजस्य स्थापित होने और ट्रांसमिशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किए जाने की संभावना है। एमसीए सचिव दीप्ति गौड़ ने पिछले सप्ताह फिक्की के सालाना पूंजी बाजार सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रणाली को और अधिक एकरूप बनाने के लिए नीतिगत उपायों का संकेत दिया था।

अभी अगर लाभांश लगातार सात वर्षों तक चुकाया नहीं जाता या या दावा रहित रहता है तो अंतर्निहित शेयरों को बिना दावे वाले के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष (आईईपीएफ) प्राधिकरण के खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है। हालांकि कंपनियां शेयरधारकों के दावों की पुष्टि करने में अलग-अलग तरीके अपनाती हैं। कुछ कंपनियां हलफनामे पर जोर देती हैं और कुछ नहीं, जिससे निवेशकों के लिए बाधाएं पैदा होती हैं।

गौर ने कहा, कंपनियों ने रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंटों के साथ मिलकर शेयरधारकों की पहचान की प्रक्रिया को बहुत मुश्किल बना दिया है। अब कोशिश शेयरों के हस्तांतरण और लाभांश दावों को आसान बनाने की है। उन्होंने कंपनियों से लापता शेयरधारकों का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से आउटरीच अभियान चलाने का भी आग्रह किया।

इस बारे में जानकारी के लिए सेबी को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। इस साल की शुरुआत में सेबी ने म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट ट्रेसिंग ऐंड रिट्रीवल असिस्टेंट (मित्रा) लॉन्च किया, जो निष्क्रिय और बिना दावे वाले म्युचुअल फंड फोलियो का एक खोज योग्य डेटाबेस है। इसने निवेशकों को म्युचुअल फंड और डीमैट खातों के स्टेटमेंट प्राप्त करने और संग्रहीत करने की सुविधा देने के लिए डिजिलॉकर के साथ भी साझेदारी की है।

सेबी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में अनक्लेम्ड म्युचुअल फंड रिडेम्पशन राशि 10.1 फीसदी बढ़कर 1,128 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष 1,024 करोड़ रुपये रही थी। अनक्लेम्ड डिविडेंड में और भी तेज़ी से यानी 26.5 फीसदी की वृद्धि हुई और यह वित्त वर्ष 2024 के 1,838 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में 2,324 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

First Published - August 26, 2025 | 10:35 PM IST

संबंधित पोस्ट