Stock to Buy: वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार (22 मई) को बड़ी गिरावट देखने को मिल रहे है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), एचडीएफ़सी बैंक इन्फोसिस जैसे भारी भरकम वजन वाले शेयरों में गिरावट का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स को नीचे खींचने में सबसे बड़ा रोल रहा। वहीं, ऑटो और कंज्यूमर गुड्स कंपनियों के शेयरों में गिरावट सबसे अधिक रही।
बाजार इस मूड-माहौल के बीच ब्रोकरेज हाउसेस ने पब्लिक सेक्टर की कंपनी पावर ग्रिड ऑफ इंडिया पर अपनी खरीदारी की सलाह को बरकरार रखा है। ब्रोक्रेजीज ने स्टॉक के 335 रुपये तक जाने का अनुमान जताया है।
ALSO READ: Tata Motors dividend 2025: 300% डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड और पेमेंट डेट फिक्स
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने पावर ग्रिड पर अपनी रेटिंग को BUY पर बरकरार रखा है। साथ ही ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 386 रुपये का टारगेट प्राइस सेट किया है। इस तरह, स्टॉक आगे चलकर निवेशकों को 33% अपसाइड दिखा सकता है। पावर ग्रिड के शेयर गुरुवार को 291 रुपये के भाव पर बंद हुए।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने पावर ग्रिड पर अपनी खरीदार की सलाह को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने सरॉक पर 361 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह, स्टॉक आगे चलकर निवेशकों को 24% का अपसाइड रिटर्न दिखा सकता है।
ब्रोकरेज का कहना है कि पावर ग्रिड ने FY25 में मजबूत प्रदर्शन किया। इस दौरान कंपनी ने ₹1 लाख करोड़ से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया। कंपनी ने प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग में भी शानदार प्रदर्शन किया और 24 ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स हासिल किए। इससे उसका मार्केट शेयर 50% से अधिक रहा। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत ₹92,000 करोड़ है। इनमें सबसे प्रमुख प्रोजेक्ट ₹25,000 करोड़ की लागत वाला खावड़ा-नागपुर HVDC प्रोजेक्ट रहा। इसके चलते, कंपनी के पास कुल ₹1.55 लाख करोड़ का मजबूत वर्क-इन-हैंड बना हुआ है।
एंटिक ब्रोकिंग ने पावर ग्रिड ऑफ इंडिया पर अपनी BUY की रेटिंग को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 353 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है। इस तरह, स्टॉक आगे चलकर 20% की तेजी दिखा सकता है। पावर ग्रिड के शेयर गुरुवार को 290 रुपये के भाव पर बंद हुए।
ब्रोकरेज ने कहा कि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन (PWGR) का चौथी तिमाही FY25 का समेकित शुद्ध लाभ (PAT) अनुमान के अनुरूप रहा। हालांकि रेग्युलेटेड इक्विटी में सालाना 3% की वृद्धि हुई, लेकिन कमाई में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। इसका मुख्य कारण CERC नियमों का प्रभाव रहा। जैसे-जैसे बेस स्थिर होता है, FY26 में बेहतर EPS ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में निवेश की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)