प्रमुख सूचकांकों ने पूरे सप्ताह में मामूली नुकसान दर्ज किया। अमेरिकी राजकोषीय परिदृश्य और बढ़ती बॉन्ड यील्ड की चिंताओं के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारी बिकवाली की। इससे सूचकांकों ने मामूली नुकसान के साथ इस सप्ताह का अंत किया। हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई। पिछले सप्ताह निवेशकों ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम, अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता और घरेलू ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच 18 अप्रैल के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ साप्ताहिक प्रदर्शन दर्ज किया था।
अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में नरमी के बीच शुक्रवार को सूचकांकों में तेजी आई और फिलिपींस के पीएसईआई सूचकांक के बाद ये एशियाई शेयर बाजारों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सूचकांक रहे। सेंसेक्स शुक्रवार को 769 अंक या 0.95 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 81,721 पर बंद हुआ। निफ्टी 244 अंक या 0.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 24,835 पर बंद हुआ। बीएसई पर सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 442 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। रुपया शुक्रवार को 0.9 प्रतिशत बढ़ा और 85.21 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपये में 11 नवंबर, 2022 के बाद एक दिन में यह सबसे अधिक वृद्धि है।
लंबी अवधि के अमेरिकी बॉन्ड के यील्ड में सप्ताह के दौरान तेजी के बाद आ खिरी दो सत्रों में नरमी आई। 30-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड अक्टूबर 2023 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद शुक्रवार को गिर कर 4.98 प्रतिशत पर कारोबार कर रहा था। 10-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड शुक्रवार को 7 आधार अंक कमजोर होकर 4.45 प्रतिशत पर आ गया। बढ़ते बॉन्ड यील्ड ने अमेरिकी बॉन्डों को अ धिक आकर्षक बना दिया है और इस वजह से अक्सर एफपीआई भारत समेत उभरते बाजारों से पैसा निकालने लगते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैक्स बिल के असर को लेकर निवेशकों की चिंता के कारण इस सप्ताह बॉन्ड यील्ड और अन्य सुरक्षित संपत्तियां ऊपर रहीं। सोना 11 अप्रैल के बाद अपनी सर्वश्रेष्ठ साप्ताहिक बढ़त दर्ज करते हुए 3,353 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
ट्रंप के कई लोकलुभावन वादों को पूरा करने वाले कर और खर्च विधेयक से अगले दशक में अमेरिकी सरकार के 36.2 लाख करोड़ डॉलर के कर्ज में लगभग 3.8 लाख करोड़ डॉलर जुड़ने की संभावना है। अमेरिकी सरकार की कर्ज से संबं धित चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पिछले सप्ताह मूडीज ने उसकी क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड कर दिया था।
नतीजों के आखिर दौर में कुछ कंपनियों के परिणामों, अमेरिकी व्यापार नीति और मॉनसून से बाजार की आगे की दिशा तय होगी। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ने जून से यूरोपीय संघ (ईयू) से आने वाले सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप की ताजा धमकी याद दिलाती है कि व्यापार खिंचाव अभी खत्म नहीं हुआ है और यह कभी भी इक्विटी बाजारों में उथल-पुथल कर सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘कंपनियों के नतीजों का सत्र अगले सप्ताह अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा है और निवेशक विभिन्न सेक्टरों की कंपनियों के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। इस बीच, भारत के कुछ हिस्सों में मॉनसून से पहले की बारिश ने सामान्य से बेहतर मॉनसून की उम्मीद जगा दी जिससे भी बाजार धारणा को मजबूती मिली है, क्योंकि इससे ग्रामीण मांग और व्यापक आर्थिक गतिविधियों को मदद मिलने की संभावना है। हमें बाजारों का आगामी प्रदर्शन मजबूत रहने की उम्मीद है।’
शुक्रवार को बाजार धारणा मजबूत रही। चढ़ने वाले शेयरों की संख्या 2,323 और गिरने वालों की संख्या 1,639 रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.2 फीसदी, एचडीएफसी बैंक में 0.7 फीसदी की तेजी आई।