सेंसेक्स ने सोमवार को पहली बार 65,000 का आंकड़ा पार करने में सफलता हासिल की। 30 शेयर वाला यह सूचकांक पिछले चार कारोबारी सत्रों में करीब 3 प्रतिशत चढ़ने के बाद सोमवार को 65,205 पर बंद हुआ। सूचकांक में हालिया 3 प्रतिशत की तेजी महज चार दिन में आई, जबकि 8.5 प्रतिशत (60,000 से 65,000 तक) की वृद्धि 438 दिन में दर्ज की गई।
सेंसेक्स ने 24 सितंबर, 2001 को पहली बार 60,000 का आंकड़ा छुआ था। सूचकांक के लिए इससे पिछली 5,000 अंकों की तेजी (55,000 से 60,000) महज 28 कारोबारी सत्रों में आ गई थी। हालांकि अक्टूबर 2021 और जून 2022 के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से भारी बिकवाली ने बाजार पर दबाव बनाए रखा।
इन 9 महीनों के दौरान एफपीआई ने 256 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिकवाली की, क्योंकि बढ़ती महंगाई दर की वजह से अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा महामारी के बाद नीतिगत उपायों में बदलाव किया।
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मार्च में सेंसेक्स गिरकर 57,085 पर आ गया, क्योंकि FPI द्वारा बिकवाली की तीव्रता जनवरी और फरवरी में फिर से बढ़ गई थी। हालांकि FPI निवेश में सुधार से 14 प्रतिशत या 8,117 अंक की तेजी को बढ़ावा मिला और इससे सेंसेक्स साल के निचले स्तर से तेजी से चढ़ गया।