वित्त वर्ष 2026 की सितंबर तिमाही के नतीजों के बीच शेयर बाजारों में वापसी करते हुए निफ्टी आईटी इंडेक्स अक्टूबर में अब तक 6.5 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी 50 में 5.3 फीसदी की वृद्धि हुई है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2024 के बाद से आईटी इंडेक्स की यह सबसे अच्छी मासिक बढ़त है।
वैयक्तिक शेयरों की बात करें तो इन्फोसिस में 4 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और एचसीएल टेक्नॉलजीज में अक्टूबर में अब तक क्रमशः 5.8 फीसदी और 9.8 फीसदी का इजाफा हुआ है। लेकिन विश्लेषक इस उछाल को लेकर सतर्क हैं। उनकी सलाह है कि भारत के आईटी शेयरों को लेकर आशावाद अल्पकालिक हो सकता है क्योंकि नरम वृद्धि की संभावना से धारणा प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, अमेरिका के टैरिफ लगाने की आशंका भी इनमें अहम बढ़त सीमित कर सकती है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम ने कहा, आईटी क्षेत्र के लिए परिदृश्य कमजोर या यों कहें कि तटस्थ बना हुआ है। डॉलर में राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर एक अंक में निचले स्तर पर है। लार्जकैप आईटी शेयरों में संपत्ति सृजन का दौर खत्म हो गया है।
शेयर बाजारों में निफ्टी आईटी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट-कैप) कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक लगभग 70 लाख रुपये कम हो चुका है, जो 17.5 फीसदी की गिरावट दर्शाता है। इसकी तुलना में निफ्टी-50 में 9.6 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस दौरान इन्फोसिस और टीसीएस जैसे बड़े शेयरों में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। विप्रो में 19.7 फीसदी की नरमी दर्ज हुई है। एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा में क्रमशः 20 फीसदी और 15.7 फीसदी की गिरावट आई है।
वृद्धि परिदृश्य पर बढ़ती अस्पष्टता की पृष्ठभूमि में विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक मिड-कैप आईटी शेयरों में निवेश कर सकते हैं। चोकालिंगम का सुझाव है कि निवेशक लार्ज-कैप आईटी शेयरों को नजरअंदाज करके मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों पर ध्यान दे सकते हैं। उन्होंने कहा, 2014 और 2019 के बीच आईटी क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण का दौर देखा गया और सुस्त वृद्धि का मौजूदा दौर आगे चलकर एकीकरण को रफ्तार दे सकता है। छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों के पास भविष्य की वृद्धि में निवेश के लिए पर्याप्त नकदी है।
हालांकि, आनंद राठी इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज़ के शोध विश्लेषक सुशोभन नायक मिडकैप सेगमेंट में चुनिंदा निवेश का सुझाव देते हैं। उन्होंने कहा, मिडकैप आईटी कंपनियां अभी वित्त वर्ष 27 के करीब 30 गुना पीई पर कारोबार कर रही हैं। उन्होंने कहा, हम उन कंपनियों को प्राथमिकता देते हैं जो लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रही हैं, जैसे पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, जिसने जेनएआई आधारित दक्षताओं और मजबूत निष्पादन के साथ-साथ एम्फेसिस जैसी बीएफएसआई केंद्रित कंपनियों और मास्टेक जैसी वैल्यू कंपनियों के साथ मिलकर एक तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया।