अपने नए ऊंचे स्तरों के करीब पहुंचे बाजारों में कुछ सतर्कता बरती जा रही है। घरेलू फंड प्रबंधकों (domestic money managers) का मानना है कि उनकी नकदी स्तर बढ़ रहा है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट से पता चलता है कि 20 प्रमुख फंड हाउसों के पास औसत नकदी स्तर अप्रैल के अंत में बढ़कर 5.6 प्रतिशत पहुंच गया जो मार्च के अंत में 5 प्रतिशत था। यह नकदी पूंजी अप्रैल में बाजारों में बड़ी तेजी के बीच की गई करीब 5,100 करोड़ रुपये की बिकवाली की वजह से भी बढ़ी है।
साल के निचले स्तर से, सेंसेक्स और निफ्टी में 8-8 प्रतिशत की तेजी आई है। इस बड़ी तेजी से इन दो सूचकांकों के लिए एक वर्षीय मूल्यांकन उनके ऐतिहासिक स्तरों से ऊपर पहुंच गया है। विश्लेषकों का कहना है कि मूल्यांकन ज्यादा महंगा दिख सकता है, क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता की वजह से आय वृद्धि अनुमानों के लिए गिरावट का जोखिम बना हुआ है।
उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि बढ़ते नकदी स्तर से कुछ उत्सुकता बढ़ने का संकेत मिलता है। हालांकि इक्विटी एमएफ को नकदी बनए रखने की अनुमति नहीं है, इसलिए वे अपने निवेश दांव में बदलाव कर रहे हैं।
म्युचुअल फंडों द्वारा सबसे ज्यादा बेचे शेयरों की सूची से पता चलता है कि फंड प्रबंधकों ने वाहन और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) जैसे शानदार प्रदर्शन से जुड़े शेयरों में मुनाफावसूली की। फिसडम रिसर्च की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि आयशर मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो जैसी कंपनियों में फंडों के स्वामित्व वाले शेयरों की संख्या 4-6 प्रतिशत तक घटी है।
हीरो मोटोकॉर्प को छोड़कर, सभी ऑटोमोबाइल शेयरों ने पिछले एक साल में 20 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की है। वाहन निर्माण एवं सहायक उद्योग के प्रदर्शन का मानक एनएसई निफ्टी ऑटो सूचकांक एक साल की अवधि में 30 प्रतिशत और कैलेंडर वर्ष 2023 में 10 प्रतिशत चढ़ा।
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म्युचुअल फंडों द्वारा पिछली 6 तिमाहियों में वाहन शेयरों में करीब 6,500 करोड़ रुपये निवेश करने के बाद कुछ खास वाहन शेयरों में हिस्सेदारी घटी है।
ब्रोकरों ने चौथी तिमाही में शानदार परिणाम के बाद कई वाहन शेयरों पर सकारात्मक नजरिया बरकरार रखा है। चौथी तिमाही में टाटा मोटर्स जैसी कुछ कंपनियां वित्तीय नतीजों के संदर्भ में अनुमानों को मात देने में कामयाब रहीं। हालांकि बाजार के दोपहिया सेगमेंट में लगातार कमजोरी दिखी है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, चौथी तिमाही में, जहां घरेलू दोपहिया बिक्री तिमाही आधार पर सात प्रतिशत घटी, वहीं निर्यात में 17 प्रतिशत की कमजोरी आई।
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इससे कुछ ब्रोकरों को बजाज ऑटो और हीरो मोटोकॉर्प पर नकारात्मक रुख अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है, ‘घरेलू मोटरसाइकिल उद्योग लगातार मांग पर दबाव से जूझ रहा है और बजाज ऑटो के प्रबंधन ने अब इस उद्योग के लिए अगली कुछ तिमाहियों के दौरान 6-8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। इसके अलावा हमारा यह भी मानना है कि जब बिक्री में सुधार आएगा, मौजूदा अनुकूल मिश्रण भी सामान्य हो जाएगा। इसके अलावा, लागत वृद्धि से मार्जिन पर दबाव बने रहने की आशंका है। वित्त वर्ष 2025ई के 17.6 गुना पर यह शेयर महंगा दिख रहा है।’
जिस अन्य क्षेत्र में सबसे ज्यादा शेयर बेचे गए, वह PSB था। फिसडम की रिपोर्ट से पता चलता है कि म्युचुअल फंडों द्वारा बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक में शेयरों की संख्या मासिक आधार पर 8-5 प्रतिशत घट गई। हालांकि शेयर कीमतों में तेजी के बाद पिछले कुछ महीनों में फंडों ने पीएसबी में अपना निवेश घटाया है। PSB वित्त वर्ष 2023 में सबसे दमदार प्रदर्शन करने वाला सेक्टोरल सूचकांक रहा और इसमें 36 प्रतिशत की तेजी आई, जबकि सेंसेक्स में महज एक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।