वैश्विक स्तर पर बैंकिंग क्षेत्र पर पड़ी चोट के बीच एनएसई के निफ्टी बैंक इंडेक्स ने 40,000 का स्तर तोड़ दिया है। र 39,395 रहा।बैंकिंग शेयरों के प्रदर्शन की माप करने वाला यह इंडेक्स (जिसका निफ्टी-50 में सबसे ज्यादा भारांक है) का आखिरी बंद स्त
तकनीकी विश्लेषकों ने कहा कि इंडेक्स के 200 दिन के सामान्य मूविंग एवरेज (एसएमए) में इसका नियंत्रण छुपा है। कोटक सिक्योरिटीज के तकनीकी विश्लेषक (डीवीपी) अमोल आठवले ने कहा, निफ्टी बैंक के लिए 39,750 या 200 दिन का एसएमए, बेंचमार्क का रुख तय करेगा, जिसके नीचे जाने पर यह इंडेक्स 39,000-38,700 तक फिसल सकता है।
दूसरी ओर, 200 दिन के एसएमए से ऊपर या 39,750 का स्तर सामने आने पर यह 20 दिन के एसएमए तक या 40,200-40,300 तक चढ़ेगा।
निफ्टी नेक्स्ट 50 में बदलाव 29 से प्रभावी
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में बदलाव की घोषणा 20 फरवरी को हुई थी और इसके तहत पांच शेयर जुड़ेंगे जबकि पांच बाहर होंगे। यह 29 मार्च की ट्रेडिंग बंद होने के बाद प्रभावी होगा। इंडेक्स को ट्रैक करने वाले अपनी होल्डिंग को उस दिन ट्रेडिंग बंद होने के बाद दुरुस्त करेंगे।
पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रिएटस ने कहा, पैसिव खरीद का सबसे बड़ा असर पेज इंडस्ट्रीज, एबीबी इंडिया और केनरा बैंक पर पड़ेगा जबकि सबसे ज्यादा बिकवाली का असर एम्फैसिस, बंधन बैंक और बायोकॉन पर होगा।
दिलचस्प रूप से एएसई की सहायक एनएसई इंडाइसेज ने यह घोषणा भी की है कि निफ्टी नेक्स्ट 50 में नॉन-फ्यूचर ऐंड ऑप्शंस शेयरों का संचयी भारांक 10 फीसदी तक सीमित होगा, जो पहले 15 फीसदी रहा है। इसके परिणामस्वरूप इंडेक्स को ट्रैक करने वालों को पहले के अनुमान के मुकाबले काफी कम शेयर खरीदने होंगे।
जीक्यूजी ने आईटीसी में घटाया हिस्सा
जीक्यूजी पार्टनर्स के इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी फंड ने आईटीसी में अपनी हिस्सेदारी काफी ज्यादा कम की है। दिसंबर 2022 के आखिर में आईटीसी में इस फंड का दूसरा सबसे बड़ा निवेश था, जो उसके पोर्टफोलियो के करीब 6.5 फीसदी के बराबर था।
वैश्विक म्युचुअल फंड ट्रैकर मॉर्निंगस्टार के पास उपलब्ध ताजा आंकड़ों के मुताबिक, आईटीसी अब पांच अग्रणी निवेश में शामिल नहीं है। इस बीच, फंड ने आईसीआईसीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 3.68 फीसदी करते हुए उसे पांचवां सबसे बड़ा निवेश बना दिया है। 5.79 फीसदी के साथ एचडीएफसी में उसका सबसे बड़ा निवेश है।
दिसंबर 2022 के आखिर में फंड में भारत का भारांक सबसे ज्यादा था, जो उसके कोष का करीब 34 फीसदी बैठता है। फंड ने भारत में अपना निवेश घटाकर 25 फीसदी से नीचे कर लिया है।