BSE में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण (combined market capitalisation) बुधवार को 300 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। हालांकि बाजार बंद होने पर उनमें कुछ गिरावट दिखी।
यदि हॉन्ग कॉन्ग को छोड़ दिया जाए तो भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है। हॉन्ग कॉन्ग का 5.2 लाख करोड़ डॉलर का बाजार पूंजीकरण काफी हद तक चीन की कंपनियों के वहां सूचीबद्ध होने के कारण है।
डॉलर में, भारत का बाजार पूंजीकरण करीब 3.6 लाख करोड़ डॉलर है जिसमें इस साल अब तक 7 फीसदी की वृद्धि हुई है।
कुल वैश्विक बाजार पूंजीकरण में भारत का योगदान फिलहाल महज 3.3 फीसदी है। इस लिहाज से कैलेंडर 2022 के उत्तरार्ध में योगदान 4 फीसदी पर सर्वाधिक रहा था। उसके बाद से ही कई वैश्विक बाजारों में भारत के मुकाबले भारी वृद्धि देखी गई है।
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साल 2023 में अब तक अमेरिका के बाजार पूंजीकररण में 15 फीसदी की वृद्धि हुई है। बड़े प्रौद्योगिकी शेयरों में जबरदस्त तेजी से अमेरिका को बल मिला। इसी प्रकार इस साल अब तक जापान के बाजार पूंजीकरण में करीब 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि फ्रांस और सऊदी अरब का बाजार पूंजीकरण BSE में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण (combined market capitalisation) बुधवार को 300 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।भी दो अंकों बढ़ा है।
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भारत का बाजार पूंजीकरण पहली बार 2014 में 100 लाख करोड़ रुपये के पार और 2021 में 200 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा था।