जेएम समूह की इकाइयों जेएम फाइनैंशियल, जेएम फाइनैंशियल सर्विसेज और जेएम फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स ने पीरामल एंटरप्राइजेज के गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) के सार्वजनिक निर्गम में कथित अनियमितताओं के मामले का सेबी को कुल 3.92 करोड़ रुपये का भुगतान कर मामले का निपटान कर लिया है।
बाजार नियामक सेबी के 19 सितंबर को जारी निपटान आदेश के मुताबिक, जेएम फाइनैंशियल लिमिटेड और जेएम फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने अनुचित लाभ के रूप में अर्जित क्रमशः 1.22 करोड़ और 1.33 करोड़ रुपये वापस किए। इसके अलावा, जेएम फाइनैंशियल ने किसी भी ऋण प्रतिभूति के सार्वजनिक निर्गम में प्रबंधक के तौर पर कार्य करने पर तीन महीने के लिए स्वैच्छिक रोक लगाने पर सहमति जताई है।
इसी तरह जेएम फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड किसी भी निर्गम में तीन महीने तक वितरक नहीं बनेगी जबकि जेएम फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने तीन महीने के लिए आईपीओ वित्तपोषण गतिविधियों पर प्रतिबंध को स्वीकार किया है।
मामला 2023 में पीरामल एंटरप्राइजेज के एनसीडी के सार्वजनिक निर्गम से जुड़ा हुआ है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच में पाया गया कि कई व्यक्तिगत निवेशकों ने सूचीबद्धता के ही दिन इन ऋण प्रतिभूतियों को बेच दिया था, जिससे खुदरा शेयरधारिता काफी कम हो गई थी।
सेबी ने मार्च, 2024 में जेएम फाइनैंशियल पर अंतरिम आदेश जारी किया था। जून, 2024 में उसे किसी भी ऋण प्रतिभूति के निर्गम में प्रमुख प्रबंधक बनने से रोक दिया गया था। सेबी ने कहा था कि जेएम समूह ने अनुचित व्यापार तरीके अपनाकर निवेशकों को लाभ सुनिश्चित किया और कुल 1.99 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
जेएम समूह ने तथ्यों या कानून के निष्कर्षों को स्वीकार किए बगैर मामले के निपटान का प्रस्ताव रखा था। इस पर सेबी ने आदेश दिया कि आगे की किसी भी कार्रवाई को निपटान हुआ मान लिया जाए।