facebookmetapixel
स्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्जपॉलिसीधारक कर सकते हैं फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल, लेकिन सतर्क रहेंGST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशन

शेयर बाजार में तेजी का असर, घाटे वाली फर्मों के शेयर भी चढ़े; जानें क्यों निवेशक लगा रहे पैसा

पिछले कुछ हफ्तों में बाजार की तेजी ने न सिर्फ गुणवत्ता वाले शेयरों को ऊपर उठाया है बल्कि नुकसान वाली कंपनियों के शेयर भी 64 फीसदी तक चढ़े हैं।

Last Updated- July 10, 2025 | 10:09 PM IST
Stock Market today

पिछले कुछ हफ्तों में बाजार की तेजी ने न सिर्फ गुणवत्ता वाले शेयरों को ऊपर उठाया है बल्कि नुकसान वाली कंपनियों के शेयर भी 64 फीसदी तक चढ़े हैं। लेकिन विश्लेषकों का रुख सतर्कता भरा है। उनका सुझाव है कि निवेशकों को आय की स्पष्टता और उचित मूल्यांकन वाली कंपनियों के शेयरों का ही चयन करना चाहिए। एनएसई 500 में शामिल कंपनियों में 29 ने मार्च 2025 में समाप्त तिमाही में नुकसान दर्ज किया जिनमें ओला इलेक्ट्रिक और स्विगी शामिल हैं। लेकिन 26 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने 1 अप्रैल के बाद से सकारात्मक रिटर्न दिया है। इसके साथ ही 17 ऐसे शेयर हैं जिन्होंने बेंचमार्क निफ्टी-50 से उम्दा प्रदर्शन किया है।

वेलोर एस्टेट के शेयर ने इस सूची की अगुआई की और 1 अप्रैल के बाद से करीब 64 फीसदी की उछाल दर्ज की जबकि इस रियल एस्टेट कंपनी ने वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 2.4 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया। इसके बाद रतनइंडिया एंटरप्राइजेज, मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज और आलोक इंडस्ट्रीज का स्थान है जिनमें करीब 45 फीसदी का इजाफा हुआ है। बेंचमार्क निफ्टी-50 और सेंसेक्स में 1 अप्रैल के बाद से करीब 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

चौथी तिमाही में नुकसान दर्ज करने के बावजूद इंडसइंड बैंक 31 फीसदी चढ़ा जबकि नेटवर्क 18 मीडिया ऐंड इन्वेस्टमेंट में 28 फीसदी, आईटीआई 28 फीसदी, रेमंड लाइफस्टाइल 25 फीसदी, जीएमआर एयरपोर्ट्स 20 फीसदी और एनएमडीसी स्टील में 19 फीसदी का इजाफा हुआ।

लेकिन ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी तब 23 फीसदी टूट गया जब उसका नुकसान बढ़कर 870 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। तेजस नेटवर्क्स और आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल उन शेयरों में शामिल हैं जो नुकसान दर्ज करने के बाद टूटे।

लंबी अवधि की चाल

आईएनवीऐसेट पीएमएस के बिजनेस हेड भाविक जोशी ने कहा, बाजार स्वाभाविक रूप से आगे की ओर देखते हैं और शायद ही कभी सिर्फ पिछली आय पर प्रतिक्रिया देते हैं। यह तेजी माहौल आधारित आशावाद, तकनीकी मोमेंटम और नकदी में वृद्धि के मिलेजुले कारकों के बल पर आती है।

यह उछाल बाजार में तेजी के बीच आई है, जिसमें स्मॉल और मिडकैप शेयर धीरे-धीरे सितंबर 2024 के अपने उच्चतम स्तर की ओर बढ़ रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यह तेजी उत्साह की बजाय, उलटफेर और तलनात्मक रूप से कीमत की फिर से तलाश के कारण आई है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा कि घाटे में चल रही कंपनियां जरूरी नहीं कि अछूत हों। उन्होंने तीन कारण गिनाए कि निवेशक अब भी उनके शेयर क्यों खरीद सकते हैं।

उन्होंने कहा, शेयरों में खरीदारी का दबाव बढ़ने की एक वजह बदलाव की संभावना भी हो सकती है। कुछ कंपनिया, खासकर ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में, फिलहाल घाटे में चल रही हैं लेकिन निवेशकों को उनकी दीर्घकालिक वृद्धि पर भरोसा है। अन्य कारणों में अंतर्निहित परिसंपत्ति मूल्य और शुद्ध अटकलें हो सकते हैं।

बदलाव की उम्मीद

जोशी ने कहा कि खुदरा निवेशक इस तेजी में बड़ा योगदान दे रहे हैं। इनमें से कई शेयरों ने असामान्य रूप से ऊंचे ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ कीमतों में उछाल देखी है, जिससे खुदरा संचालित गतिविधियों का संकेत मिलता है।

झुनझुनवाला परिवार समर्थित वेलोर एस्टेट में मार्च तिमाही तक खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 25 फीसदी थी। अगले दो सबसे ज्यादा लाभ वाले शेयरों रतनइंडिया एंटरप्राइजेज और मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में खुदरा हिस्सेदारी क्रमशः 15 और 11 फीसदी थी।

चोकालिंगम ने कहा कि खुदरा और संस्थागत दोनों निवेशक इन शेयरों में निवेश कर सकते हैं। कुछ शेयरों में खुदरा निवेशक फंडामेंटल्स को पूरी तरह समझे बिना ही निवेश कर रहे हैं जबकि कुछ शेयर कायापलट की उम्मीद में खरीदे जा रहे हैं।

First Published - July 10, 2025 | 10:05 PM IST

संबंधित पोस्ट