वैश्विक बाजारों में कमजोरी के बीच भारतीय शेयर बाजार के मानक (बेंचमार्क) सूचकांकों में पिछले चार कारोबारी सत्रों से दिख रही तेजी आज थम गई। अमेरिका में ऋण सीमा (US debt ceiling) बढ़ाने के प्रस्ताव पर अनिश्चितता से निवेशकों पर चिंता हावी रही। अमेरिका में जून से पहले ऋण सीमा बढ़ाने के लिए हुए ‘सैद्धांतिक सहमति’ पर मतदान होना है।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का संवेदी सूचकांक 347 अंक (0.5 प्रतिशत) फिसल कर 62,622 पर गया। एसएसी निफ्टी भी 99 अंक (0.5 प्रतिशत) लुढ़क कर कारोबार समाप्त होने पर 18,534 अंक पर आ गया।
MSCI सूचकांकों में फेरबदल से भी बाजार में अनिश्चितता दिखी और निवेशकों ने शेयरों के चयन में फेलबदल करने लगे। इस फेरबदल के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1.26 लाख करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। उन्होंने 3,405 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।
अमेरिका में ऋण सीमा बढ़ाने पर हुई सहमति पर अनिश्चितता के कारण यूरोपीय बाजारों में भी बिकवाली दिखी। चीन के आर्थिक आंकड़े उम्मीद से कमजोर रहने से एशियाई बाजारों में निवेशकों का उत्साह ठंडा पड़ गया। वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी के बीच निवेशकों को चीन से काफी उम्मीदें थीं मगर वहां से निकले आंकड़ों से उन्हें निराशा हाथ लगी।
बुधवार से पहले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में लगभग 1,200 अंक (2 प्रतिशत) बढ़ोतरी हुई। सेंसेक्स 1 दिसंबर को अपने अब तक के उच्चतम स्तर 63,284 पार करने के करीब पहुंच गया था।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेस में शोध प्रमुख विनोद नायर कहते हैं, ‘कमजोर वैश्विक संकेतों से कुछ मौकों पर बाजार में तेजी थम जाती है। मंदी और यूरोपीय देशों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से भारतीय बाजार भयभीत लग रहे हैं। हालांकि इन तमाम बातों के बीच बाजार अपनी लय में आगे बढ़ रहा है।’ रेलिगेयर ब्रोकिंग में उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) ने कहा कि मुनाफावसूली के कारण बाजार में आधे प्रतिशत से थोड़ी अधिक गिरावट दर्ज की गई।
Also read: मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी पहुंची भारत की GDP, प्राइवेट इनवेस्टमेंट में देखी गई बढ़ोतरी
MSCI सूचकांकों (MSCI indices) में फेरबदल से दो दर्जन से अधिक शेयरों पर असर हुआ। एमएससीआई सूचकांकों में फेरबदल बुधवार से प्रभावी हो गए हैं। इन सूचकांकों से अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी टोटाल गैस और इंडस टावर्स बाहर हो गए। इन तीनों शेयरों में 1.4 प्रतिशत और 4.8 प्रतिशत के बीच गिरावट दर्ज की गई।
मैक्स हेल्थ (Max Health), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics) और सोना बीएलवी (Sona BLW Precision Forgings) एमएससीआई स्टैंडर्ड सूचकांक (MSCI Standard Index) में शामिल किए गए। इस बीच, कोटक महिंद्रा बैंक के भारांश में भारी इजाफा देखा गया। दूसरी तरफ, आरआईएल, इन्फोसिस और ICICI बैंक के भारांश (weightings) में कमी दर्ज की गई।
Also read: नए नियमों से कमिंस के मार्जिन को लग सकती है चपत
बाजार में 1,871 शेयरों में गिरावट दिखी जबकि 1,652 शेयरों में तेजी दर्ज हुई। सेंसेक्स के लगभग दो तिहाई शेयरों में गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई जिससे सूचकांक को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा। एचडीएफसी बैंक 1.57 प्रतिशत लुढ़क गया, जबकि एचडीएफसी में 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। आरआईएस के बाद इन दोनों शेयरों के कारण भी सेंसेक्स नीचे फिसल गया।
ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि मार्च तिमाही के लिए सकल घरेलू अनुपात (GDP) के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने से बाजार सकारात्क प्रतिक्रिया दिखा सकता है। बाजार में कारोबार समाप्त होने के बाद सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने कहा कि तीन तिमाहियों में पहली बार जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्दि दर बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई।