विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने जुलाई सीरीज में अब तक इंडेक्स फ्यूचर्स, खासकर निफ्टी फ्यूचर्स में लगातार बिकवाली की है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) डेटा के अनुसार, FIIs अब तक (11 ट्रेडिंग दिनों में) जुलाई सीरीज में इंडेक्स फ्यूचर्स में कुल ₹16,844.97 करोड़ की शुद्ध बिकवाली कर चुके हैं। इसमें निफ्टी, बैंक निफ्टी और निफ्टी मिडकैप फ्यूचर्स के कुल 87,554 कॉन्ट्रैक्ट शामिल हैं। FIIs केवल 27 जून को जुलाई सीरीज़ के दौरान नेट खरीदार रहे।
अब तक FIIs की निफ्टी फ्यूचर्स में बिकवाली एग्रेसिव रही है, जिसमें लगभग 78% या 68,622 कॉन्ट्रैक्ट्स की शुद्ध बिकवाली हुई है। इसी दौरान निफ्टी फ्यूचर्स में ओपन इंटरेस्ट (OI) में 47% या 43,895 कॉन्ट्रैक्ट्स की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जो फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में शॉर्ट बिल्ड-अप का संकेत देती है। इस अवधि में एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 1.8% गिरा है।
एनएसई F&O डेटा के अनुसार, इंडेक्स फ्यूचर्स में FII का लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो घटकर 0.22 हो गया है। इसका मतलब है कि FII के पास हर एक खरीदी (लॉन्ग) पोजिशन पर लगभग 5 शॉर्ट पोजिशन हैं।
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रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी (रिसर्च) अजीत मिश्रा के अनुसार, Q1 नतीजों की कमजोर शुरुआत और निफ्टी का 20-Daily EMA के नीचे फिसलना, शॉर्ट पोजिशन बढ़ने का कारण बन रहा है। डेटा दर्शाता है कि पिछले तीन कारोबारी दिनों में एफआईआई ने इंडेक्स फ्यूचर्स में ₹8,650 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की है।
हालांकि, विश्लेषक का मानना है कि अगर निफ्टी 24,900 के स्तर को बनाए रखने में सफल रहता है, तो बाजार को थोड़ी राहत मिल सकती है। ऐतिहासिक फैक्ट्स बताते हैं कि एफआईआई की शॉर्ट पोजिशन अक्सर बाजार में गिरावट के दौरान एक तरह का कुशन देती है। अगर किसी सकारात्मक खबर का असर दिखता है, तो एफआईआई को अपने शॉर्ट सौदे कवर करने पड़ते हैं, जिससे बाजार में तेज़ी देखी जा सकती है।
वहीं अन्य मार्केट पर्टिसिपेंट्स की बात करें तो घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) और रिटेल निवेशक इंडेक्स फ्यूचर्स में हर एक शॉर्ट ट्रेड पर लगभग दो लॉन्ग ट्रेड रखे हुए हैं। प्रोप्रायटरी ट्रेडर्स का रुख तटस्थ बना हुआ है, जिनकी लॉन्ग और शॉर्ट पोजिशन लगभग बराबर है।
सैमको सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव रिसर्च एनालिस्ट धूपेश धमेजा ने एक नोट में लिखा कि डेरिवेटिव डेटा फिलहाल बेहद ‘बेयरिश’ संकेत दे रहा है और निकट भविष्य में और गिरावट की आशंका है।
उन्होंने कहा कि कॉल राइटर्स 25,500 स्ट्राइक पर काफी एग्रेसिव हैं, जहां अब तक 1.26 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स का ओपन इंटरेस्ट बना हुआ है, जो ऊपर की तरफ एक मजबूत सप्लाई जोन बनाता है। इसके विपरीत, पुट राइटर्स इस स्तर पर संकोच दिखा रहे हैं, जिससे साफ होता है कि निकट भविष्य में तेजी को लेकर उनमें भरोसे की कमी है। हालांकि, 25,000 स्ट्राइक पर पुट ओपन इंटरेस्ट में 89.89 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स की अहम जमा हुई है, जो अब एक इमीडिएट सपोर्ट लेवल के रूप में उभरा है।