Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार में सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 79 हजार तथा निफ्टी 24 हजार के नीचे चला गया। बाजार में बड़े पैमाने पर बिकवाली और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अस्थिरता बढ़ने के कारण गिरावट आई।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज मामूली गिरावट के साथ 79,713.14 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 1500 से ज्यादा अंक की गिरावट लेकर 78,232.60 तक आ गया था। अंत में सेंसेक्स 1.18 प्रतिशत या 941.88 अंक गिरकर 78,782.24 पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी 1.27 प्रतिशत या 309 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 23,995.35 के लेवल पर बंद हुआ। निफ्टी की 50 कंपनियों में से 42 के शेयर गिरावट में बंद रहे।
टॉप लूजर्स
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में अदाणी पोर्ट्स का शेयर सबसे ज्यादा 3.23 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, सनफार्मा, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, पावर ग्रिड, टाइटन, टाटा स्टील, नेस्ले इंडिया के शेयर प्रमुख रूप से गिरावट में रहे।
टॉप गेनर्स
दूसरी तरफ, बाजार में बड़ी गिरावट के बावजूद महिंद्रा एंड महिंद्रा का शेयर 2% प्रतिशत चढ़कर बंद हुआ। साथ ही टेक महिंद्रा, स्टेट बैंक, एचसीएल टेक, इन्फोसिस हरे निशान में बंद हुए।
शेयर बाजार में आज गिरावट का कारण ?
इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज और बैंकिंग शेयरों में गिरावट ने बाजार को नीचे खींचा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, 5 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अनिश्चितता और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए चीन के नए प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से भारतीय शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई।
इसके अलावा विदेशी निवेशकों की भारतीय शेयर बाजार में लगातार जारी बिकवाली की वजह से भी बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ा।
अक्टूबर में 6% गिरा बाजार
विदेशी निवेशकों की रिकॉर्ड मासिक बिकवाली और कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से कम रहने के चलते अक्टूबर में बेंचमार्क लगभग 6% गिर गए।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, पिछले चार महीनों में बेंचमार्क में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे। हालांकि, ऐतिहासिक औसत की तुलना में वैल्यूएशन अभी भी अधिक बना हुआ है।
72,000 के स्तर तक गिर सकता है सेंसेक्स
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सेंसेक्स में अभी और गिरावट की गुंजाइश है, और यह बदतर हालात में 72,000 के स्तर तक गिर सकता है। ऐसे में 2024 में अब तक की गई सारी बढ़त खत्म हो सकती है।
तकनीकी विश्लेषण के मुताबिक, सेंसेक्स फिलहाल 78,120 के स्तर पर समर्थन ढूंढता नजर आ रहा है, जो कि साल 2024 की शुरुआत में R1 (रेसिस्टेंस 1) के रूप में था। अब यही स्तर सेंसेक्स के लिए मजबूत समर्थन की भूमिका निभा सकता है।
हालांकि, अगर यह समर्थन भी टूट जाता है, तो सेंसेक्स के 72,200 तक गिरने की संभावना बन सकती है, जबकि बीच में 75,900 का स्तर अंतरिम समर्थन के रूप में काम कर सकता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी रिकवरी की कोशिश को बिकवाली का दबाव झेलना पड़ सकता है, जिससे बड़ी वापसी की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
निवेशकों की नजर अमेरिकी चुनावों और फेड रिजर्व के नतीजों पर
अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों और घरेलू कंपनियों के तिमाही नतीजे इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
विशेषज्ञों ने कहा कि यह सप्ताह काफी घटनाक्रमों वाला रहेगा। सप्ताह के दौरान कई वृहद आर्थिक आंकड़े आने हैं, जो बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इसके अलावा वैश्विक रुख से भी बाजार को दिशा मिलेगी।