Stock Market Closing Bell: वैश्विक बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच घरेलू शेयर बाजार गुरुवार (6 फरवरी) को लगातार दूसरे ट्रेडिंग सेशन में गिरावट में बंद हुए। देसी कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहने से बाजार के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर पड़ा। साथ ही आरबीआई (RBI) के ब्याज दरों पर फैसले से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) गुरुवार (6 फरवरी) को 200 से ज्यादा अंक चढ़कर 78,513 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 77,843 अंक तक फिसल गया था। अंत में सेंसेक्स 213 अंक या 0.27% की गिरावट लेकर 78,058 पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 भी गिरावट में रहा। यह 92.95 अंक या -0.39% गिरावट के साथ 23,603 पर क्लोज हुआ।
1. बुधवार को मामूली नुकसान दर्ज करने के बाद दोनों बेंचमार्क ने दिन की शुरुआत लगभग 0.3% अधिक की। हालांकि, आरबीआई के लगभग पांच साल में व्यापक रूप से पहली बार ब्याज दर में कटौती की उम्मीद से पहले सेंटीमेंट सतर्क रहे।
2. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो रेट (Repo Rate) पर फैसले से एक दिन पहले सतर्कता बरतने के कारण ब्याज दर से जुड़े ऑटो और कंज्यूमर शेयरों के कारण शेयर बाजार में गिरावट आई।
3. देसी कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहने से बाजार के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर पड़ा।
टॉप लूजर्स
सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल, टाइटन, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स प्रमुख रूप से गिरावट में रहे।
टॉप गेनर्स
दूसरी तरफ, अदाणी पोर्ट्स, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और इंडसइंड बैंक के शेयर चढ़कर बंद हुए।
निवेशकों का फोकस आरबीआई के ब्याज दरों को लेकर फैसले पर टिका हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) बैठक बुधवार (5 फरवरी) को शुरू हो गई। बैठक के नतीजों का ऐलान शुक्रवार (7 फरवरी) को किया जाएगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”बेंचमार्क इंडेक्सिस में थोड़ी गिरावट रही। निवेशक ट्रेड वॉर पर चिंताओं के बीच ब्याज दरों में संभावित कटौती पर आरबीआई के फैसले के इंतजार के चलते देखने को मिली। सुस्त वृद्धि को दम देने के लिए कंजम्प्शन को बढ़ावा देने पर सरकार के फोकस के बावजूद ब्रॉडर मार्केट सतर्क और कंसोलिडेशन फेस में रहा।”
विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 2025 में घरेलू बाजारों से अब तक 9.23 बिलियन डॉलर के इक्विटी बेचीं है।