facebookmetapixel
बिहार चुनाव पर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर का बड़ा आरोप: राजग के तीन ‘प्रयोगों’ ने पूरी तस्वीर पलट दीदोहा में जयशंकर की कतर नेतृत्व से अहम बातचीत, ऊर्जा-व्यापार सहयोग पर बड़ा फोकसझारखंड के 25 साल: अधूरे रहे विकास के सपने, आर्थिक क्षमताएं अब भी नहीं चमकींपूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को भाने लगी ‘काला नमक’ चावल की खेती, रिकॉर्ड 80 हजार हेक्टेयर में हुई बोआईभूख से ब्रांड तक का सफर: मुंबई का वड़ा पाव बना करोड़ों का कारोबार, देशभर में छा रहा यह देसी स्ट्रीट फूडDPDP नियमों से कंपनियों की लागत बढ़ने के आसार, डेटा मैपिंग और सहमति प्रणाली पर बड़ा खर्चजिंस कंपनियों की कमाई बढ़ने से Q2 में कॉरपोरेट मुनाफा मजबूत, पर बैंकिंग और IT में सुस्ती जारीबिहार चुनाव में NDA की प्रचंड जीत: अब वादों पर अमल की चुनौती विकसित भारत को स्वच्छ प्रणाली की आवश्यकता: विकास भ्रष्टाचार से लड़ने पर निर्भर करता हैअगर कांग्रेस भाजपा से आगे निकलना चाहती है तो उसे पहले थोड़ी विनम्रता दिखानी होगी

Closing Bell: उतार-चढ़ाव के बीच सपाट बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 74,332 और निफ्टी 22,552 पर बंद; RIL 3% चढ़ा

फरवरी में विदेशी निवेशकों की घरेलू शेयर बाजारों से बिकवाली जारी रही लेकिन फाइनेंशियल सेक्टर के दिग्गज शेयरों में बिकवाली की रफ्तार जनवरी की के मुकाबले धीमी रही।

Last Updated- March 07, 2025 | 3:43 PM IST
stock market today

Share market Closing Bell: वैश्विक बाजारों में कमजोरी के बीच घरेलू शेयर बाजार सप्ताह के आखिरी कारोबारी सेशन यानी शुक्रवार (7 मार्च) को लगभग सपाट बंद हुए।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज मामूली बढ़त के साथ 74,347 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 74,586 अंक के हाई और 74,038 अंक के निचले स्तर पर झूलने के बाद 7.51 अंक या 0.01% की मामूली गिरावट लेकर 74,332.58 पर बंद हुआ।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 (Nifty50) भी गिरावट में खुला। इंडेक्स में उतार-चढाव देखने को मिला। अंत में निफ़्टी 7.80 अंक या 0.03% बढ़कर 22,552.50 पर बंद हुआ।

ब्रोडर मार्केटस निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में तेजी जारी रही और यह 0.67 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.32 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ।

टॉप गेनर्स

निफ्टी 50 में शामिल शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा लाभ में रही, जो 3.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुई। इसके बाद टाटा मोटर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज ऑटो और हिंडाल्को में 1.23 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।

टॉप लूजर्स

इस बीच, इंडसइंड बैंक, श्रीराम फाइनेंस, एनटीपीसी, बीपीसीएल और इंफोसिस निफ्टी 50 में शामिल सबसे ज्यादा पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे, जो 3.78 प्रतिशत तक नीचे बंद हुए।

गुरुवार को कैसी थी बाजार की चाल?

इससे पिछले ट्रेडिंग सेशन में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 609.86 अंक या 0.83 प्रतिशत बढ़कर 74,340.09 पर बंद हुआ था। इसी तरह, निफ्टी50 (Nifty50) 207.40 अंक या 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,544.70 पर बंद हुआ।

फरवरी में भी जारी रही विदेशी निवेशकों की बिकवाली

फरवरी में विदेशी निवेशकों की भारतीय शेयर बाजारों से निकासी जारी रही लेकिन फाइनेंशियल सेक्टर के दिग्गज शेयरों में बिकवाली की रफ्तार जनवरी की भारी निकासी के मुकाबले काफी धीमी रही। हालांकि इकनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती की चिंता बरकरार है।

नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों से 69.91 अरब रुपये की बिकवाली की जो अहम क्षेत्रों से हुई निकासी में सबसे ज्यादा है। हालांकि जनवरी में हुई निकासी के मुकाबले इसमें खासी कमी आई है क्योंकि तब एफपीआई ने वित्तीय क्षेत्र में 3 अरब डॉलर के शेयरों की बिक्री की थी।

ट्रंप की ट्रेड नीति से बाजारों में उथल-पुथल

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गुरुवार को कहा कि उनका प्रशासन अपनी टैरिफ नीति को अंतिम रूप देते समय शेयर बाजार की प्रतिक्रियाओं को ध्यान में नहीं रखेगा।

ट्रम्प की तेजी से बदलती व्यापार नीति ने बाजारों को उथल-पुथल कर दिया है। हालांकि येन और स्विस फ्रैंक जैसी मुद्राएं, साथ ही सोना, उन कुछ एसेट्स में से हैं, जिनमें निवेशक सुरक्षा की तलाश में उमड़ पड़े हैं।

वैश्विक बाजारों से क्या संकेत ? 

एशियाई बाजारों में शुक्रवार को गिरावट आई, जो वॉल स्ट्रीट पर देखी गई गिरावट के चलते आई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ट्रंप की टैरिफ रियायतें निवेशकों को आश्वस्त करने में विफल रहीं।

अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने चिंताओं को और बढ़ा दिया, जिसने अर्थव्यवस्था पर ट्रंप की नीतियों के संभावित नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंता जताई। फेड की बेज बुक और इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (आईएसएम) की मैन्युफैक्चरिंग रिपोर्ट दोनों ने टैरिफ के कारण बढ़ती इनपुट लागत के बारे में बढ़ती आशंकाओं को उजागर किया।

First Published - March 7, 2025 | 8:04 AM IST

संबंधित पोस्ट