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कोविड के बढ़ते मामलों के बीच बिकवाली जारी

Last Updated- December 12, 2022 | 6:37 AM IST

भारतीय बाजारों में दूसरे दिन तेज गिरावट दर्ज हुई क्योंकि कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से निवेशकों की अवधारणा प्रभावित हुई और अर्थव्यवस्था के सुधार की रफ्तार को लेकर संदेह में इजाफा हुआ।
बेंचमार्क सेंसेक्स 740 अंक यानी 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ 48,440 अंक पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 224 अंक यानी 1.5 फीसदी फिसलकर 14,325 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक अब ऐसे स्तर पर आ गए हैं, जो 1 फरवरी को आम बजट से पहले देखे गए थे। 15 फरवरी के अपने उच्चस्तर से ब्लूचिप कंपनियों पर केंद्रित सूचकांक अब 7 फीसदी नीचे आ गए हैं। इस महीने निवेशकों की 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति स्वाहा हो गई।
गुरुवार को विदेशी निवेशकों ने देसी शेयरों से 3,384 करोड़ रुपये निकाले जबकि एक दिन पहले उन्होंने 2,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। भारत में कोविड के बढ़ते मामले और यूरोप में कोरोना की तीसरी लहर निवेशकों को जोखिम वाली परिसंपत्तियों से निकलने को बाध्य कर रही है। गुरुवार को भारत वैश्विक स्तर पर सबसे खराब प्रदर्शन वाला बाजार रहा। अमेरिकी अर्थव्यवसस्था को लेकर ट्रेजरी सचिव जेनेट येलन और फेड के चेयरपर्सन जीरोम पॉवेल के बेहतर आकलन से ज्यादातर अन्य बाजारों में मामूली घटबढ़ हुई।
बाजार के प्रतिभागियों ने गुरुवार की गिरावट के लिए तकनीकी कारणों मसलन मार्च सीरीज के डेरिवेटिव अनुबंधों की एक्सपायरी को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही स्थानीय कारक मसलन वायरस पर लगाम कसने के लिए फिर से पाबंदी की संभावना आदि ने देसी शेयरों को झटका दिया।
बुधवार को भारत में 50,000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए और इसमे से दो तिहाई महाराष्ट्र मेंं पाए गए, जो देश का सबसे ज्यादा औद्योगीकृत व वित्तीय रूप से प्रभावी राज्य है। भारत में कोरोना के डबल म्यूटेंट संस्करण पाए गए हैं। विश्लेषकों ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर आर्थिक सुधार पर असर डाल सकती है।

First Published - March 26, 2021 | 12:46 AM IST

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