नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूछा गया है कि फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के लिए कंपनी और उसकी इकाई के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
एजेंसी ने 13 नवंबर को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा है, ‘सूचित किया जाता है कि सेकी ने मेसर्स रिलायंस पावर लिमिटेड और मेसर्स रिलायंस एनयू बीईएसएस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उसमें स्पष्टीकरण मांगा गया है कि धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज जमा कराने के मद्देनजर उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही क्यों नहीं की जानी चाहिए।’
सेकी ने पिछले सप्ताह अपनी बोलियों में फर्जी दस्तावेज जमा करने को लेकर रिलायंस पावर और उसकी इकाई रिलायंस एनयू बीईएसएस को उसकी निविदाओं में भाग लेने से रोक दिया था। इस बीच रिलायंस पावर ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई सूचना में कहा कि वह ‘धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े’ की साजिश का शिकार रही है।
कंपनी ने बैंक गारंटी का इंतजाम करने वाले तीसरे पक्ष के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति भी लगाई है, मगर उसके नाम का खुलासा नहीं किया है। उसने कहा है कि इस संबंध में 16 अक्टूबर 2024 को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज की गई थी।
इस महीने के आरंभ में इस समाचार पत्र ने खबर दी थी कि रिलायंस पावर ने उस निविदा के लिए दो बार अमान्य बैंक दस्तावेज जमा कराए थे। उन दस्तावेजों को जिस ईमेल आईडी के जरिये जमा कराया गया था उसे भारतीय स्टेट बैंक ने फर्जी करार दिया है।