बाजार नियामक सेबी लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए संचालित एसएमई एक्सचेंज (MSME Exchange) पर अधिक उत्साह, कीमतों में हेराफेरी और धोखाधड़ी वाले कारोबारी तरीकों पर लगाम लगाना चाहता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने यहां ‘भारत एसएमई बैंकिंग शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि नियामक के निदेशक मंडल की अगली बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सेबी के निदेशक मंडल की बुधवार को होने वाली बैठक में एसएमई एक्सचेंज से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
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भाटिया ने कहा, ‘‘हम इस तथ्य से अवगत हैं कि हमें अधिक उत्साह, कीमतों में हेराफेरी या धोखाधड़ी वाले कारोबारी तौर-तरीकों को रोकने की जरूरत है। हम इस पर सेबी की आगामी बोर्ड बैठक में चर्चा करेंगे, जो शीघ्र ही होगी।’’ उन्होंने एसएमई एक्सचेंज पर छोटी एवं मझोली कंपनियों की सूचीबद्धता के दौरान नजर आई चिंताओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन पहलुओं पर गौर करने के लिए नियामक ने परामर्श पत्र जारी किया है।
भाटिया ने कहा कि कुछ चिंताजनक पहलू सामने आने के बाद सेबी ने बीते दो वर्षों में एसएमई बोर्ड पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। इनमें ऐसी कंपनियां शामिल हैं जो तथ्यों को गलत ढंग से पेश करती हैं, जिससे खुदरा निवेशकों के लिए ‘वास्तविक मूल्य और व्यवहार्यता’ का आकलन कर पाना मुश्किल हो जाता है। भाटिया ने कहा कि वह एसएमई कंपनियों की तरफ से लाए गए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी को देखकर ‘कभी-कभी हैरान’ हो जाते हैं क्योंकि कुछ निर्गमों को तो 1,000 गुना से अधिक अभिदान मिला है। उन्होंने कहा कि छोटी एवं मझोली कंपनियों ने 2024 में अबतक 171 निर्गमों के जरिये 6,447 करोड़ रुपये जुटाए हैं और सभी एसएमई शेयरों का कुल बाजार पूंजीकरण 2.25 लाख करोड़ रुपये है।
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