facebookmetapixel
Silver ETF Investment: इस दिवाली सिल्वर ETF में निवेश करने से पहले समझें 5-12% प्रीमियम का जोखिमQ2 Results 2025: IREDA से लेकर टेक महिंद्रा तक, आज आएंगे 20 से ज्यादा कंपनियों के नतीजेRBI ने लॉन्च किया ऑफलाइन डिजिटल रुपया, अब बिना इंटरनेट के भी कर सकेंगे पेमेंटAxis और Tata MF ने Silver ETF में नया निवेश रोकाStock Market Update: शेयर बाजार की पॉजिटिव शुरुआत, सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25300 के करीबStocks To Watch Today: HCLTech के मजबूत नतीजे, LG IPO की एंट्री; आज बाजार में रहेंगे ये स्टॉक्स चर्चा मेंतमिलनाडु में 15,000 करोड़ रुपये के निवेश से विस्तार करेगी फॉक्सकॉनRetail Inflation: सितंबर में खुदरा महंगाई घटकर 1.54% रही, 8 साल में सबसे कमहमास ने 20 बंधकों को किया रिहा, इजरायल ने 1,900 फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली कीभारत में आत्महत्या की घटनाओं में 23% की बढ़ोतरी, नौकरी से तनाव और मानसिक उत्पीड़न बड़ा कारण

SEBI ने NSE को-लोकेशन मामले में पूर्व अधिकारियों को दी राहत, ओपीजी सिक्योरिटीज पर 85 करोड़ का जुर्माना

नियामक ने कहा कि एनएसई के को-लोकेशन में कुछ निश्चित खामियां थीं, लेकिन स्टॉक ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज के साथ मिलीभगत या सांठगांठ के कोई सबूत नहीं मिले।

Last Updated- September 13, 2024 | 9:49 PM IST
NSE

बाजार नियामक सेबी ने को-लोकेशन मामले में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और उसके पूर्व आला अधिकारियों चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण, आनंद सुब्रमण्यन और चार अन्य के खिलाफ आरोप हटा दिए। नियामक ने कहा कि एनएसई के को-लोकेशन में कुछ निश्चित खामियां थीं, लेकिन स्टॉक ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज के साथ मिलीभगत या सांठगांठ के कोई सबूत नहीं मिले। इस ब्रोकर को एक्सचेंज के दूसरे सर्वर तक अनुचित पहुंच मिली हुई थी।

सेबी का ताजा आदेश पिछले साल प्रतिभूति अपील पंचाट यानी सैट की तरफ से जारी निर्देशों के बाद आया है। इस मामले में सेबी के अप्रैल 2019 के आदेश को रद्द करते हुए पंचाट ने बाजार नियामक को चार महीने के भीतर इस मामले पर फिर से निर्णय करने का निर्देश दिया था। सेबी को बाद में इस समयसीमा में विस्तार मिल गया था। सैट ने सेबी से कहा था कि वह अवैध कमाई की रकम और मिलीभगत के आरोप पर दोबारा विचार करे।

नियामक के ताजा आदेश से पूंजी बाजार तंत्र में सबसे ज्यादा चर्चित मामलों में से एक पर पर्दा गिर जाएगा। इस मामले ने देश के सबसे बड़े एक्सचेंज के पूर्व प्रमुखों की छवि को खराब कर दिया था और आईपीओ लाने की उसकी योजना अटक गई थी। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश वार्ष्णेय ने 83 पृष्ठ के आदेश में कहा कि इस मामले में अहम सबूतों के अभाव में संभावना की प्रमुखता की जांच ओपीजी और उसके निदेशकों के साथ मिलीभगत या सांठगांठ स्थापित करने में विफल रही।

इसी मामले में 238 पृष्ठ के एक अन्य आदेश में नियामक ने ओपीजी सिक्योरिटीज को 85 करोड़ रुपये की अवैध कमाई वापस करने का निर्देश दिया है। सेबी ने ओपीजी पर छह महीने का भी प्रतिबंध लगाया है जो उस पर अप्रैल 2019 के आदेश के तहत लगाई गई पांच साल की पाबंदी के अलावा होगा।

सेबी की दोबारा गणना की गई अवैध कमाई की रकम 15.57 करोड़ रुपये से ज्यादा है जिसे सेबी ने 2019 के आदेश में ब्रोकरेज को जमा कराने का निर्देश किया था। नियामक ने पाया कि ब्रोकरेज ने एक्सचेंज के सेकंडरी सर्वर तक पहुंच का बेजा फायदा उठाया।

नियामक ने पाया कि एनएसई के पास को-लोकेशन सुविधा के इस्तेमाल के लिए कोई तय नीति नहीं है और वह सेकंडरी सर्वर के इस्तेमाल की निगरानी करने में नाकाम रहा। लेकिन ओपीजी के साथ सांठगांठ के कोई सबूत नहीं हैं।

जून 2010 से मार्च 2014 के बीच एनएसई ने अपनी को-लोकेशन सुविधा में कथित टिक बाइ टिक (टीबीटी) आर्किटेक्चर तैनात किया था। टीबीटी ने डेटा फीड को क्रम से प्रसारित किया और उन ट्रेडिंग सदस्यों को प्राथमिकता दी जो को-लोकेशन सर्वर से पहले जुड़े। इस सिस्टम का फायदा उठाते हुए ओपीजी सिक्योरिटीज एक्सचेंज के सिस्टम तक बार-बार पहले पहुंची। यह मामला व्हिसलब्लोअर केन फोंग ने उजागर किया था। उन्होंने सेबी को जनवरी, अगस्त और अक्टूबर 2015 में पत्र लिखकर शिकायत की थी। इसके बाद नियामक ने इस मामले में जांच की और फॉरेंसिक ऑडिट भी कराया।

जनवरी 2023 में सैट ने सेबी के अप्रैल 2019 के उस आदेश को दरकिनार कर दिया था जिसमें नियामक ने एक्सचेंज को 625 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को 2014 से 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाने का निर्देश दिया था।

हालांकि पंचाट ने एनएसई से कहा था कि ड्यू डिलिजेंस के अभाव में वह 100 करोड़ रुपये जमा कराए। एनएसई की तरफ से दी गई पहले की सूचना के मुताबिक सेबी ने संबंधित मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद एक्सचेंज को 300 करोड़ रुपये लौटा दिए थे।

First Published - September 13, 2024 | 9:49 PM IST

संबंधित पोस्ट