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Diwali 2025: जानें गिफ्ट और खरीदारी पर कहां लगेगा टैक्स और कहां मिलेगी छूट

केवल बिजनेस या प्रोफेशन से जुड़े उचित मूल्य के खर्च और सही डॉक्यूमेंट के साथ किए गए तोहफे सेक्शन 37(1) के तहत दिवाली पर टैक्स छूट के लिए मान्य हैं

Last Updated- October 13, 2025 | 5:18 PM IST
Diwali 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

दिवाली का त्योहार सिर्फ रोशनी और खुशियां ही लेकर नहीं आता है, बल्कि भारी खर्च भी अपने साथ लाता है। रिश्तेदारों और कर्मचारियों को तोहफे देने से लेकर घर को नए गैजेट्स और सजावट से सजाने तक, इस त्योहारी सीजन में जेब ढीली हो जाती है। लेकिन टैक्स छूट की बात करें तो हर चमकने वाली चीज फायदेमंद नहीं होती। यह समझना जरूरी है कि कौन से खर्च टैक्स छूट के लिए मान्य हैं, ताकि आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को स्मार्ट तरीके से करें और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजरों में न आएं।

निजी खरीदारी पर टैक्स छूट नहीं

कई लोग मानते हैं कि दिवाली पर सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स या घरेलू सामान खरीदने से टैक्स में राहत मिल सकती है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह एक गलतफहमी है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट और 1 फाइनेंस में पर्सनल टैक्स की वर्टिकल हेड निया शाह बताती हैं, “दिवाली पर निजी खरीदारी, जैसे सोना, गैजेट्स या घर की सजावट, पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलती।” वे कहती हैं कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत केवल बिजनेस या प्रोफेशन से जुड़े खर्च ही छूट के लिए मान्य हैं।

इसी तरह, चार्टर्ड अकाउंटेंट और ClearTax की टैक्स एक्सपर्ट चांदनी आनंदन बताती हैं, “परिवार या दोस्तों को दिए गए तोहफों पर कोई छूट नहीं मिलती। केवल बिजनेस से जुड़े तोहफे, कर्मचारियों को दिए गए बोनस या क्लाइंट्स को दिए गए हैम्पर्स ही सेक्शन 37(1) के तहत छूट के लिए मान्य हैं।”

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कौन क्या क्लेम कर सकता है?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टैक्स छूट के नियम आपकी स्थिति के आधार पर अलग-अलग हैं, जैसे कि आप नौकरीपेशा हैं, सेल्फ-एंप्लॉयड हैं या बिजनेस चलाते हैं:

  • नौकरीपेशा लोग: इनके लिए टैक्स छूट की गुंजाइश बहुत कम है। नियोक्ता की ओर से कर्मचारियों को दिए गए तोहफे, जो प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 5,000 रुपये तक हैं, सेक्शन 17(2) और नियम 3 के तहत टैक्स-फ्री हैं। इससे ज्यादा की राशि सैलरी में टैक्सेबल होगी। निजी खरीदारी पर कोई टैक्स लाभ नहीं मिलता।
  • सेल्फ-एंप्लॉयड प्रोफेशनल्स: क्लाइंट्स को दिए गए तोहफे, हैम्पर्स या बिजनेस से जुड़े दिवाली आयोजनों पर सेक्शन 37(1) के तहत छूट क्लेम कर सकते हैं, बशर्ते उनके पास सही इनवॉइस और डॉक्यूमेंट हों।
  • बिजनेस ओनर्स: कर्मचारियों को बोनस, कॉरपोरेट दिवाली इवेंट्स या क्लाइंट्स को तोहफों के खर्च, अगर उचित हों और डॉक्यूमेंट्स के साथ हों, तो छूट के लिए मान्य हैं। लेकिन अगर 20,000 रुपये से ज्यादा के क्लाइंट तोहफों पर सेक्शन 194R के तहत TDS नहीं काटा गया, तो खर्च का कुछ हिस्सा अस्वीकार हो सकता है और पेनल्टी भी लग सकती है।

कुछ गलतियों से बचना जरूरी!

एक्सपर्ट्स ने कुछ आम गलतियों से सावधान रहने की सलाह दी है:

  • सारी दिवाली खरीदारी को टैक्स छूट के लिए मान लेना।
  • निजी तोहफों को बिजनेस खर्च के रूप में दिखाना।
  • इनवॉइस, रिसीपिएंट लिस्ट या पेमेंट प्रूफ जैसे डॉक्यूमेंट्स का अभाव।
  • बिजनेस खर्च के लिए 10,000 रुपये से ज्यादा के कैश लेनदेन (सेक्शन 40A(3) के तहत)।

चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश सुराना चेतावनी देते हैं, “टैक्स अधिकारी अस्पष्ट या बहुत ज्यादा खर्चों की जांच करते हैं। सही डॉक्यूमेंट और स्पष्ट उद्देश्य होना जरूरी है।”

निया शाह ने दिए दो उदाहरण

निया शाह अपने अनुभव से दो मामलों का जिक्र करती हैं:

  • एक बुटीक मालिक अपनी क्लाइंट्स को 4,000 रुपये और कर्मचारियों को 5,000 रुपये के तोहफे देती है। वह इनवॉइस और पेरोल रजिस्टर रखती है। मूल्यांकन के दौरान, सभी खर्च सेक्शन 37(1) के तहत पूरी तरह मान्य किए गए, क्योंकि उनका बिजनेस उद्देश्य स्पष्ट था।
  • एक नौकरीपेशा कंसल्टेंट रिश्तेदारों के लिए सोना खरीदता है और इसे बिजनेस खर्च के रूप में क्लेम करने की कोशिश करता है। उसका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, और उसे गलत छूट क्लेम करने के लिए नोटिस मिलता है।

स्मार्ट प्लानिंग जरूरी

एक छोटा बिजनेस ओनर, जो क्लाइंट्स और कर्मचारियों को तोहफे देता है और सही इनवॉइस रखता है, वह सेक्शन 37(1) के तहत पूरे खर्च को बिजनेस डिडक्शन के रूप में क्लेम कर सकता है। वहीं, एक नौकरीपेशा व्यक्ति, जो रिश्तेदारों के लिए सोना या उपकरण खरीदता है, उसे कोई छूट नहीं मिलती और ऐसा क्लेम करने पर टैक्स जांच का सामना करना पड़ सकता है।

मुख्य बात यह है कि केवल वही खर्च, जो बिजनेस या प्रोफेशन से जुड़े हों, उचित मूल्य के हों और सही डॉक्यूमेंट्स के साथ हों, टैक्स छूट के लिए मान्य हैं। समझदारी से प्लान करें, ताकि आपकी दिवाली की खुशी टैक्स की चिंता में न बदल जाए।

First Published - October 13, 2025 | 5:18 PM IST

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