भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड( सेबी) ने आईपीओ द्वारा इकठ्ठा की गई पूंजी में फेरबदल करके प्राथमिक बाजार में सुधारों की शुरुआत कर दी।
इस कदम से न सिर्फ खुदरा निवेशकों के फंड को सुरक्षित रखने में मद्द मिलेगी बल्कि मौजूदा आईपीओ की प्रक्रिया को कम खर्चीला बनाने में मद्द मिलेगी। सेबी ने इसके मार्केट इंटरमीडिएरीज को सर्कुलर जारी कर दिया है। जिसमें आईपीओ लाने के लिए निवेदन करते समय एक सप्लीमेंटरी प्रक्रिया का प्रावधान है। इसके लिए सेबी ने अस्बा (एप्लीकेशन सर्पोटेड ब्लाक्ड एमाउंट) जारी कर दिया है।
इस अस्बा प्रक्रिया से खुदरा निवेशकों को सेल्फ सर्टिफाइड सिंडिकेट बैंक (एससीएसबी)के जरिए आवेदन करने के लिए कटऑफ प्राइस की जरुरत होगी। इस प्रक्रिया में एससीएसबी को निवेशकों के आवेदन को लेना पड़ेगा और लगाए गई बोली पर फंड को ब्लॉक करना होगा और इस ब्यौरे को इलेक्ट्रॉनिक बिडिंग सिस्टम में अपलोड करना पड़ेगा।