रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन द्वारा यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के बाद आज दुनिया भर के बाजारों में तेज गिरावट देखी गई। देसी शेयर बाजार में भी करीब दो साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
बेंचमार्क सेंसेक्स 2,703 अंक या 4.7 फीसदी लुढ़ककर 54,530 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 4.8 फीसदी या 815 अंक के नुकसान के साथ 16,248 पर बंद हुआ। सूचकांकों में 4 मई, 2020 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट से बाजार पूंजीकरण में 13 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है। रूस के शेयर बाजार में भी भारी गिरावट आई और थोड़ा संभलने के बाद यह 50 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ।
यूक्रेन में संकट गहराने से दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में व्यापक असर दिखा और ब्रेंट क्रूड 105 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया। सोना 17 महीने के उच्च स्तर पर आ गया। रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध की आशंका से वैश्विक आपूर्ति शृंखला प्रभावित होने के का डर है, जिससे मुद्रास्फीति और बढ़ सकती है। तेल के दाम में तेजी और रुपये में नरमी से निवेशकों को यह डर भी सताने लगा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दरें बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है कि तेल के दाम ऊंचे बने रहे तो देश की वृहद आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। ब्रेंट क्रूड के दाम इस साल पहले ही 35 फीसदी तक चढ़ चुके हैं।
इस बीच पश्चिमी देशों ने रूस की इस कार्रवाई को पूरी तरह से हमला बताया है और इसे दूसरे विश्व युद्घ के बाद यूरोप में सबसे बड़े विवाद की शुरुआत माना जा रहा है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस की कार्रवाई की निंदा की तथा उसके खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने का वादा किया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पूरी दुनिया यूक्रेन में लोगों की मौत और विध्वंस का जिम्मेदार रूस को ठहराएगी। अमेरिका और सहयोगी देश इसका समुचित जवाब देंगे। वेलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक ज्योतिवद्र्घन जयपुरिया ने कहा, ‘भारत में तेल के दाम कुछ समय से नहीं बढ़े हैं। लेकिन विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बाजार के हिसाब से बढ़ाए जा सकते हैं। हम सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करते हैं और इससे हमारे चालू खाते के घाटे पर प्रभाव पड़ेगा, साथ ही रुपये पर भी इसका दबाव होगा। अमेरिका में 10 वर्षीय ट्रेजरी का प्रतिफल थोड़ा नरम हुआ है क्योंकि निवेशक शेयरों से पैसा निकालकर सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि हालिया भू-राजनीतिक घटनाक्रम महामारी के बाद आर्थिक सुधार को प्रभावित कर सकता है। अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘पश्चिमी देशों के घटनाक्रम से ईंधन और खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ सकते हैं। आपके पास खर्च करने के लिए पहले जितनी अतिरिक्त रकम नहीं होगी। तेल के दाम में तेजी से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा। इससे हमारा घाटा भी प्रभावित होगा। अन्य खर्चों पर भी इसका असर दिख सकता है। महामारी से उबरने के समय हमें ऐसी चीजों से जूझना पड़ रहा है, जो हमारे नियंत्रण में नहीं है। इससे निश्चित तौर पर निवेशक दूरी बनाएंगे।’
सोना 51 हजार पार
रूस-यूक्रेन संकट के बीच सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को सोने का हाजिर भाव 1,656 रुपये चढ़कर 51,627 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बुधवार को सोना 49,971 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी के दाम भी 2,350 रुपये बढ़कर 66,267 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना 1.74 फीसदी महंगा होकर 1,943 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल आपूर्ति वाले सोने का अनुबंध 2.6 फीसदी ऊपर 51,690 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एजेंसी
