शुक्रवार को रुपये ने गिरावट के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ तोड़ दिए और 50 रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करते हुए एक डॉलर के मुकाबले 51 रुपये तक पहुंच गया ।
दरअसल, डॉलर की बढ़ी मांग की वजह से रुपये और दूसरे मुल्कों की करेंसी की कीमतो पर असर पड़ा है।
शुक्रवार सुबह के ही कारोबार में ही विदेशी निवेशकों द्वारा उगाही निर्यातकों द्वारा डॉलर की बढ़ी मांग की वजह से डॉलर की मांग बढ़ गई।
