एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ETF) और इंडेक्स फंडों को येस बैंक (Yes Bank) के शेयरों की बिकवाली से 100 करोड़ रुपये मिलने वाले हैं क्योंकि सोमवार को येस बैंक के शेयरों पर लगी तीन साल की लॉक-इन अवधि खत्म हो गई।
फंड हाउस को यह रकम अपने-अपने ETF व इंडेक्स फंडों के यूनिटधारकों को चुकानी होगी, जिन्हें RBI की तरफ से तीन साल की लॉक इन अवधि तय किए जाने के कारण येस बैंक के 75 फीसदी शेयरों में निवेशित रहना पड़ा था।
75 फीसदी शेयरों के लिए लॉक इन अवधि तय किए जाने के कारण फंड हाउस को ETF व इंडेक्स फंडों के जरिए इनमें किए गए निवेश को शून्य करना पड़ा था, जो एम्फी की मूल्यांकन समिति की सिफारिश के मुताबिक किया गया था। अब उनकी योजना इन शेयरों को बेचने और मिलने वाली रकम का वितरण निवेशकों के बीच करने की है, जिनके पास इन योजनाओं के तहत 13 मार्च, 2020 को यूनिट थे।
म्युचुअल फंड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम येस बैंक में निवेशित रहने के लिए बाध्य हुए थे जबकि यह शेयर इंडाइसेज से बाहर हो चुका था। अब लॉक इन अवधि खत्म हो गई है, ऐसे में हम बिकवाली करेंगे और मिलने वाली रकम का वितरण निवेशकों के बीच करेंगे। एक अन्य फंड हाउस के अधिकारी ने कहा कि उनके निवेशक इस हफ्ते भुगतान की उम्मीद कर सकते हैं।
संकट से पहले येस बैंक कई सूचकांकों निफ्टी-50, बैंक निफ्टी, निफ्टी-100 और निफ्टी प्राइवेट बैंक का हिस्सा था। इसके परिणामस्वरूप इन सूचकांकों के ट्रैक करने वाले सभी पैसिव फंडों ने इसमें निवेश किया था।
ज्यादातर ऐक्टिव फंडों ने संकट के बाद हालांकि येस बैंक से अपना निवेश निकाल लिया था, लेकिन पैसिव फंडों के पास इंतजार के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जब इंडेक्स फंडों को दोबारा संतुलित किया गया और लॉक इन अवधि लागू हुई तो ETF व इंडेक्स फंड येस बैंक में निवेशित रहने के लिए बाध्य हुए क्योंकि येस बैंक सूचकांकों से बाहर हो चुका था।
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पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रिएटस की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, ETF व इंडेक्स फंडों के पास पिछले हफ्ते तक येस बैंक के 6.7 करोड़ से ज्यादा शेयर थे।
सोमवार को येस बैंक 15.7 रुपये पर बंद हुआ, ऐसे में इनके निवेशकी कीमत 105 करोड़ रुपये बैठती है। एसबीआई एमएफ निफ्टी 50 ETF के पास सबसे ज्यादा 2.37 करोड़ शेयर हैं, जिसके बाद कोटक बैंक निफ्टी ईटीएफ का स्थान है, जिसके पास 1.2 करोड़ शेयर हैं।
उम्मीद के मुताबिक येस बैंक के शेयर में सोमवार को गिरावट का दबाव रहा क्योंकि निवेशकों ने लॉक इन अवधि खत्म होने के बाद निकासी की। यह शेयर 10 फीसदी गिरकर खुला था, लेकिन कारोबार के दौरान सुधरा और अंत में 4.9 फीसदी की गिरावट के साथ 15.7 रुपये पर बंद हुआ। NSE व BSE पर करीब 1,000 करोड़ रुपये के येस बैंक के शेयरों का कारोबार हुआ।