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फ्रंट-रनिंग पर नियामक सख्त

Last Updated- January 20, 2023 | 10:41 PM IST
बाजार विशेषज्ञ संजीव भसीन की जांच कर रहा सेबी, SEBI is investigating market expert Sanjeev Bhasin

बाजार नियामक सेबी ने फ्रंट-रनिंग नियमन के उल्लंघन के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है, जिसे शेयर बाजार में गंभीर अपराधों में से एक माना जाता है। ताजा कार्रवाई के तहत नियामक ने बाजार के उन विशेषज्ञों के खिलाफ तलाशी व जब्ती अभियान चलाया है, जो बिजनेस टीवी चैनलों पर शेयरों को लेकर सलाह देते हैं।

विगत में म्युचुअल फंड व ब्रोकिंग फर्म के अधिकारियों के अलावा टीवी एंकरों व संबंधित इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई के बाद सेबी ने अब यह कदम उठाया है।

हाल में छह इकाइयों के अधिकारियों व उनके आवासीय परिसर में तलाशी अभियान के तहत सेबी ने मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैबलेट्स और हार्ड ड्राइव डिस्क समेत कई रिकॉर्ड जब्त किए हैं ताकि जांच के लिए इससे आंकड़े निकाले जा सकें। ये तलाशी अभियान कोलकाता, जयपुर, नोएडा और पुणे में संदिग्ध इकाइयों के यहां चलाए गए।

सूत्रों ने कहा कि सेबी इन आंकड़ों, ईमेल और अन्य दस्तावेज की विस्तृत जांच करेगा। नियामक इसके अलावा आदेश भी जारी कर सकता है, अगर उसे लगेगा कि कथित तौर पर गलत कदम उठाने वालों ने बाजार की सत्य निष्ठा व अखंडता के साथ समझौता किया है।

सेबी की कार्रवाई की शुरुआत सर्विलांस से मिले इनपुट व आंतरिक निगरानी व्यवस्था के आधार पर हुई। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इसमें शामिल लोगों की तरफ से अपराध के तरीके में टीवी चैनल पर सिफारिश से ठीक पहले शेयरों में पोजीशन बनाना शामिल है। बाद में वे इसकी बिकवाली कर देते हैं जब काफी निवेशक इस सलाह पर अमल करना शुरू करते हैं।

ऐसा फ्रंट रनिंग सेबी के नियमन (प्रतिभूति बाजार को लेकर  धोखाधड़ी व अनुचित व्यापार व्यवहार) 2003 का उल्लंघन माना जाता है। एक कानूनी विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी।

फीनिक्स लीगल के पार्टनर अमन अभिनव ने कहा, इस नियमन का दायरा बढ़ाया गया है ताकि नॉन-इंटरमीडियरीज व व्यक्ति की तरफ से फ्रंट रनिंग को रोका जा सके और यह एक फरवरी 2019 से प्रभावी है। इस अपराध के तहत दोषी पाए जाने पर जुर्माना लगाया जा सकता है, जो 25 करोड़ रुपये तक हो सकता है या कमाए गए लाभ का तीन गुना (जो भी ज्यादा हो)।

पिछले साल ऐक्सिस म्युचुअल फंड ने भी दो फंड मैनेजरों को कथित तौर पर प्रतिभूति कानून के उल्लंघन के कारण नौकरी से निकाल दिया था।

कानूनी जानकारों का कहना है कि सेबी के कदम से फ्रंट रनिंग सामने आएंगे और बाजार को मजबूत संदेश मिलेगा। हालांकि यह राय भी है कि ऐसै मामलों को कानूनी तौर पर चुनौती दी जा सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि कानूनी अधिकारियों को यह स्थापित करने में मुश्किल हो सकती है कि टीवी पर शेयरों को लेकर दी गई सलाह क्या वास्तव में बाजारों को आगे बढ़ा सकता है। ऐसे ही मामले में विगत के आदेश में नियामक ने टीवी पर प्रसारित ऐसी सलाह और शेयरों के वॉल्यूम व कीमत में आई उछाल का विश्लेषण किया था।

हालांकि नियामक को प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) के सामने अवरोध का सामना करना पड़ा था।  सितंबर 2022 में सैट ने टीवी एंकर की तरफ से अपनाए गए कथित तौर पर धोखाधड़ी वाले कदम के चलते लगाई गई सेबी की पाबंदी को दरकिनार कर दिया था।

सेबी ने अंतरिम आदेश जनवरी 2021 में जारी  किया था। अक्टूबर 2021 में नियामक ने ऐसे ही उल्लंघन पर एक अन्य टीवी एंकर पर पाबंदी लगा दी थी।

First Published - January 20, 2023 | 10:41 PM IST

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