वी का घाटा बढ़ा, राजस्व सुधरा
जून 2025 में समाप्त तिमाही में वोडाफोन आइडिया (वी) का घाटा सालाना आधार पर 6,432 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,608 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन मार्च तिमाही के 7,166 करोड़ रुपये की तुलना में घटा है। जून तिमाही में कंपनी का राजस्व एक साल पहले के मुकाबले करीब 5 फीसदी बढ़कर 11,164 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की जून तिमाही में 10,764 करोड़ रुपये था।
एबिटा 4,612 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल की समान तिमाही के 4,204 करोड़ रुपये की तुलना में 9.7 फीसदी अधिक है। हालांकि दूरसंचार कंपनी की फाइनैंस लागत बढ़कर 5,928 करोड़ रुपये हो गई, जो पूर्ववर्ती वर्ष की समान तिमाही के 5,519 करोड़ रुपये की तुलना में 6.7 फीसदी की वृद्धि है। दूरसंचार सेवा प्रदाता के लिए प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) समान अवधि में बढ़कर 165 रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान तिमाही के 146 रुपये के मुकाबले 13 फीसदी और मार्च तिमाही के 164 रुपये से भी थोड़ा अधिक है। इस वृद्धि में शुल्कों में बदलाव और ग्राहक अपग्रेड का योगदान रहा। वृद्धि के बावजूद, वी का एआरपीयू उसके प्रतिस्पर्धियों में सबसे कम बना हुआ है। भारती एयरटेल जून तिमाही तक 250 रुपये के एआरपीयू के साथ इस संदर्भ में बाजार में अग्रणी बनी हुई है। वी ने अभिजित किशोर को नया मुख्य कार्याधिकारी बनाया है। किशोर मौजूदा समय में कंपनी में मुख्य परिचालन अधिकारी हैं।
इंडियन ऑयल का लाभ हुआ दोगुना
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ दोगुना होकर 5,688.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। विपणन मार्जिन बेहतर होने से कंपनी के लाभ में बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में इंडियन ऑयल ने 2,643.18 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि अप्रैल-जून, 2025 की तिमाही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल एवं डीजल की मानक कीमतें गिरने के बावजूद घरेलू खुदरा कीमतें स्थिर रखने से विपणन मार्जिन बढ़ा, जिससे लाभ में यह तेजी आई। आईओसी के मुताबिक, उसके लाभ में वृद्धि ऐसे समय हुई है जब उसे मौजूदा स्टॉक पर नुकसान, रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट और एलपीजी सब्सिडी की अदायगी न होने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पिछली तिमाही में कंपनी के विपणन खंड का कर पूर्व लाभ 9,137.96 करोड़ रुपये हो गया, जो एक वर्ष पहले की समान तिमाही में 4,299.96 करोड़ रुपये था। इस अवधि में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 2.15 डॉलर प्रति बैरल रहा, जबकि पिछले साल यह 6.39 डॉलर था। स्टॉक पर हुए नुकसान को समायोजित करने के बाद मुख्य जीआरएम 6.91 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किया गया।
हिंदुस्तान कॉपर का शुद्ध लाभ 18 प्रतिशत बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान कॉपर का अप्रैल-जून तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 18 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 134.28 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का पिछले साल इसी अवधि में मुनाफा 113.40 करोड़ रुपये रहा था। हिंदुस्तान कॉपर ने गुरुवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 526.65 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 500.44 करोड़ रुपये थी। कुल व्यय सालाना आधार पर 346.32 करोड़ रुपये से बढ़कर 347.29 करोड़ रुपये हो गया। जून, 2025 को समाप्त तिमाही के एकीकृत वित्तीय परिणामों में अनुषंगी कंपनी छत्तीसगढ़ कॉपर लिमिटेड (सीसीएल) और संयुक्त उद्यम कंपनी खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) के नतीजे शामिल हैं। खान मंत्रालय के तहत आने वाली हिंदुस्तान कॉपर के पास देश में तांबा अयस्क के लिए सभी संचालित खनन पट्टे हैं।
मुथूट फिनकॉर्प का शुद्ध लाभ 34% लुढ़का
138 साल पुराने मुथूट पप्पाचन समूह (मुथूट ब्लू) की प्रमुख कंपनी मुथूट फिनकॉर्प का शुद्ध लाभ साल 2025-26 की पहली तिमाही में 34 प्रतिशत घटकर 200.54 करोड़ रुपये रह गया, जबकि साल 2024-25 की अप्रैल से जून तिमाही के दौरान यह 303.51 करोड़ रुपये था। दूसरी तरफ उसका राजस्व 12.83 प्रतिशत बढ़कर 2,260.41 करोड़ रुपये हो गया। प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 51,867 करोड़ रुपये रहीं जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही की तुलना में 31.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। वितरित राशि 30,198 करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही से 53.69 प्रतिशत अधिक रही। कंपनी ने एकल आधार पर पहली तिमाही के दौरान 1,574 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 1,244 करोड़ रुपये के मुकाबले 26.47 प्रतिशत की वृद्धि है।
आईआरबी इन्फ्रा के मुनाफे में 45% इजाफा
आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स (आईआरबी इन्फ्रा) का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 44.6 प्रतिशत बढ़कर 202.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि कंपनी के टोल राजस्व में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कंपनी और उसके निजी अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) के संयुक्त उद्यम आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट का कुल टोल राजस्व 1,680 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 25 की इसी तिमाही के दौरान यह 1,555 करोड़ रुपये था। इसके अलावा कंपनी का कुल परिचालनगत राजस्व 2,099 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल की तुलना में 13.3 प्रतिशत अधिक है। सालाना आधार पर राजस्व को उचित मूल्य पैमाने पर इनविट और संबंधित परिसंपत्तियों पर लाभ तथा लाभांश/ब्याज आय से मदद मिली। पहली तिमाही में एबिटा बढ़कर 1,018 करोड़ रुपये हो गया।
ग्लेनमार्क का लाभ 86% घटा, राजस्व रहा स्थिर
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के दौरान अपने समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 86 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और यह घटकर 46.8 करोड़ रुपये रह गया। परिचालनगत राजस्व 0.6 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 3,264 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही आधार पर लाभ में 917 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई, जबकि राजस्व में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
पतंजलि फूड्स का लाभ 31 प्रतिशत लुढ़का
पतंजलि फूड्स लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध मुनाफा पहली तिमाही में 31 प्रतिशत घटकर 180.35 करोड़ रुपये रहा है। खर्च बढ़ने से कंपनी का मुनाफा घटा है। एक साल पहले इसी अवधि में 262.72 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।