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सरकारी योजनाएं, रिप्लेसमेंट डिमांड और हाई वैल्यू पाइप्स की मांग से पाइप सेक्टर में दिख रही है तेज़ ग्रोथ

Last Updated- July 08, 2025 | 9:35 AM IST
Pipe Stocks

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का प्लास्टिक पाइप मार्केट वित्त वर्ष 2024 (₹54,100 करोड़) से बढ़कर FY27 तक ₹80,500 करोड़ तक पहुंच सकता है। यह 14 फीसदी की सालाना ग्रोथ दर (CAGR) से होगा। इस ग्रोथ के पीछे सरकार की बड़ी योजनाएं, पाइप की रिप्लेसमेंट डिमांड और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की ज़रूरतें हैं।

वर्ष 2010 में जहां संगठित कंपनियों की हिस्सेदारी 50% थी, वहीं अब यह बढ़कर 70% से अधिक हो चुकी है। बड़ी कंपनियां जैसे प्रिंस पाइप्स, एस्ट्रल और सुप्रीम इंडस्ट्रीज़ सिर्फ पाइप ही नहीं, बल्कि अब इंडस्ट्रियल कंपोनेंट्स, वॉटर टैंक और बाथवेयर जैसे सेक्टर में भी उतर रही हैं। इन नए क्षेत्रों की 8-12% सालाना दर से ग्रोथ की उम्मीद है, जिससे कुल बाजार आकार (TAM) मौजूदा पाइप उद्योग के मुकाबले 3.6 गुना तक हो सकता है।

हाई वैल्यू पाइप्स से मुनाफा बढ़ेगा

अब कंपनियां CPVC, HDPE और OPVC जैसे हाई-क्वालिटी और वैल्यू-ऐडेड प्रोडक्ट्स की तरफ बढ़ रही हैं। इससे इनके मुनाफे में बढ़ोतरी की संभावना है। FY25 में जहां औसत EBITDA मार्जिन 13.5% रहने की उम्मीद है, वहीं FY28 तक यह बढ़कर 16% तक पहुंच सकता है। इसका मुख्य कारण होगा महंगे पाइप्स की मांग और कच्चे माल की स्थिर कीमतें।

भले ही रियल एस्टेट सेक्टर में कभी-कभी मंदी आई हो, लेकिन पुराने गैल्वनाइज़्ड आयरन (GI) पाइप की जगह लोग अब PVC और CPVC पाइप को अपना रहे हैं। FY20 से FY24 के बीच इंडस्ट्री की कमाई घरों की लॉन्चिंग के मुकाबले 1.8 गुना तेजी से बढ़ी है।

सरकारी योजनाएं बनीं बड़ी ताकत

जल जीवन मिशन, AMRUT, प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और पीएम कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) जैसी सरकारी योजनाओं से पाइप्स की मांग बढ़ रही है। अभी भारत में 52% खेती की ज़मीन सिंचाई से वंचित है, जिससे इस सेक्टर में 40% तक पाइप की मांग आती है। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए HDPE, MDPE और OPVC पाइप्स की मांग भी लगातार बन रही है।

ठोस बुनियादी ढांचे, बढ़ता बाज़ार साइज और सरकार की मदद से प्लास्टिक पाइप इंडस्ट्री FY28 तक वॉल्यूम, सेल्स और मुनाफे के मामले में लगातार ग्रोथ दिखा सकती है।

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एस्ट्रल (Astral) – टारगेट प्राइस: ₹1,800

एस्ट्रल ने 1998 में भारत में CPVC पाइप्स लाकर इंडस्ट्री को नया रूप दिया। कंपनी अब पाइप्स, वॉटर टैंक, चिपकाने वाले प्रोडक्ट्स, बाथवेयर और पेंट जैसे पांच बड़े सेगमेंट में काम कर रही है। इसका टोटल मार्केट साइज़ (TAM) ₹1.59 लाख करोड़ आंका गया है, जो सबसे ज्यादा है। FY25 से FY28 के बीच एस्ट्रल की कमाई, EBITDA और नेट प्रॉफिट क्रमशः 16%, 17% और 23% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। अभी इसका BSE पर शेयर भाव ₹1488 चल रहा है। इस लिहाज से इसमें 21% तक बढ़त की संभावना है।

सुप्रीम इंडस्ट्रीज़ – टारगेट प्राइस: ₹5,400

25 अत्याधुनिक प्लांट्स और 10.91 लाख टन की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के साथ सुप्रीम इंडस्ट्रीज़ भारत की प्लास्टिक इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनियों में से एक है। कंपनी पाइप्स, बाथवेयर, इंडस्ट्रियल गुड्स और पैकेजिंग में सक्रिय है। FY25 से FY28 के बीच कंपनी की कमाई, EBITDA और शुद्ध लाभ 14%, 20% और 23% की दर से बढ़ सकते हैं, जबकि वॉल्यूम ग्रोथ 13% रह सकती है। अभी इसका BSE पर शेयर भाव ₹4272.50 चल रहा है। इस लिहाज से इसमें 26% तक बढ़त की संभावना है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी Motilal Oswal की रिसर्च पर आधारित है। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। शेयर बाजार में जोखिम होता है।

First Published - July 8, 2025 | 8:33 AM IST

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