Year Ender 2025 Silver ETF: अगर हम कहें कि साल 2025 पूरी तरह से चांदी के नाम रहा तो इससे शायद ही किसी को हैरानी होनी चाहिए। शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच सेफ हेवन और इंडस्ट्री के लिए जरूरी माने जाने वाली धातु के रूप में चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली। चांदी की कीमतों में तेजी से सिल्वर ईटीएफ की भी चमक बढ़ी है। साल 2025 में सिल्वर ईटीएफ ने निवेशकों ट्रिपल डिजिट में जबरदस्त रिटर्न दिया है। सिल्वर ईटीएफ का इस साल अब तक का (YTD) रिटर्न 128 फीसदी से ज्यादा रहा है, जो गोल्ड (सोना) समेत किसी भी दूसरे एसेट क्लास से ज्यादा है। ऐसे हालात में निवेशकों के लिए सबसे अहम दुविधा यह बन जाती है कि हालिया तेज बढ़त के बाद मुनाफा निकाल लिया जाए या फिर भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए निवेश को अगले साल तक जारी रखना ज्यादा उचित होगा।
साल 2025 में कीमती धातुओं ने एक बार फिर से सुरक्षित निवेश (सेफ हेवन) के रूप में अपनी उपयोगिता साबित की। जहां सोना और चांदी – दोनों ने मजबूत प्रदर्शन किया। हैरानी की बात यह रही कि रिटर्न के मामले में चांदी ने सोने को भी पीछे छोड़ दिया। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में सिल्वर ईटीएफ का ईयर-टू-डेट (YTD) रिटर्न करीब 128.36 फीसदी तक पहुंच गया, जबकि इसी अवधि में गोल्ड का रिटर्न लगभग 72.25 फीसदी रहा है।
| सिल्वर ईटीएफ | 1 साल का रिटर्न (%) |
|---|---|
| एसबीआई सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (डायरेक्ट) | 128.73 |
| टाटा सिल्वर ईटीएफ | 127.63 |
| यूटीआई सिल्वर ईटीएफ | 127.53 |
| निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (डायरेक्ट) | 126.15 |
| कोटक सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (डायरेक्ट) | 126.08 |
| आईसीआईसीआई प्रू सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (डायरेक्ट) | 125.93 |
| आईसीआईसीआई प्रू सिल्वर ईटीएफ | 125.92 |
| डीएसपी सिल्वर ईटीएफ | 125.72 |
| आदित्य बिरला सन लाइफ सिल्वर ईटीएफ | 125.70 |
| एचडीएफसी सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (डायरेक्ट) | 125.70 |
स्त्रोत: वैल्यू रिसर्च, रिटर्न के आंकडे़ 19 दिसंबर 2025 के NAV पर आधारित
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इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से जुड़े उद्योगों से बढ़ती मांग, ग्रीन एनर्जी का तेजी से फैलाव और दुनिया भर में बनी अनिश्चितता ने चांदी की कीमतों को सहारा दिया है। इससे चांदी की औद्योगिक उपयोगिता और भी मजबूत हुई, जिसका सीधा असर इसकी कीमतों में जोरदार तेजी रही। चांदी की कीमतों में तेजी से सिल्वर ईटीएफ की भी चमक बढ़ी।
साल 2022 में अपने पहले ईटीएफ लॉन्च के बाद से, भारत में सिल्वर ईटीएफ की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। ज़ेरोधा फंड हाउस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2025 तक, सिल्वर ईटीएफ में 25 लाख से ज्यादा निवेशक फोलियो हैं। इनका कुल AUM 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
साल के आखिर महीने दिसंबर के आते-आते MCX पर चांदी का भाव पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलो के ऊपर पहुंच गया। फिलहाल चांदी के भाव अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए है। आज (22 दिसंबर) चांदी 2,23,650 रुपये के करीब कारोबार कर रही हैं। इससे पहले भी जब चांदी 2 लाख के स्तर के आसपास पहुंची थी, तब बाजार में चिंता बढ़ गई थी। उस समय कई फंड ऑफ फंड्स ने नया डिपॉजिट लेना बंद कर दिया था। उनका कहना था कि चांदी की कीमतें असली मांग के बजाय सट्टेबाजों की खरीदारी से बढ़ रही हैं। बाद में यही हुआ और कुछ और ऊपर जाने के बाद चांदी की कीमतें तेजी से टूट गई थीं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेड रेट कट से चांदी की कीमतों में आगे और तेजी आने की उम्मीद है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में कमोडिटी रिसर्च के हेड हरीश वी ने कहा, “अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लगातार बनी महंगाई के बीच ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर उन्हें 3.50%-3.75% कर दिया है। इस फैसले से कीमती धातुओं में तेजी का रुझान और मजबूत हुआ है। कम ब्याज दरों के कारण सोना और चांदी जैसी धातुओं को रखने की लागत कम हो जाती है। इससे इन धातुओं में नया निवेश आता है। बुलियन की कीमतें पहले से ही रिकॉर्ड स्तर पर हैं। अब यह नीतिगत बदलाव तेजी को और बढ़ावा दे रहा है, क्योंकि आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई के माहौल में लोग सुरक्षित निवेश विकल्पों की तरफ जा रहे हैं।”
कोटक म्युचुअल फंड के फंड मैनेजर सतीश डोनडापति ने कहा, “चांदी की कीमतें ₹2,18,000 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं, जो मजबूत औद्योगिक मांग के साथ-साथ बढ़ती निवेश मांग को दर्शाती हैं। यह तेजी वैश्विक अर्थव्यवस्था में चांदी की दोहरी भूमिका को रेखांकित करती है– अनिश्चित समय में सेफ-हेवन एसेट के रूप में और नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों तथा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी उभरती तकनीकों में इस्तेमाल होने वाली एक अहम धातु के रूप में। ये लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चलर फैक्टर चांदी के लिए पॉजिटिव आउटलुक को समर्थन देते हैं।”
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चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी और बाजार के हालात को देखते हुए मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ हद तक मुनाफा बुक करना समझदारी भरा कदम हो सकता है। चांदी में आगे निवेश पर सलाह देते हुए डोनडापति कहते हैं, “निवेशकों को मौजूदा स्तरों पर बड़ी एकमुश्त राशि निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। तेज तेजी के बाद बाजार अक्सर कंसोलिडेशन के दौर से गुजरते हैं और निकट अवधि में चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।”
वह आगे कहते हैं कि इसलिए, SIP या STP जैसे सिस्टमैटिक निवेश का तरीका ज्यादा बेहतर हो सकता है। यह रणनीति वोलैटिलिटी को संभालने, टाइमिंग रिस्क को कम करने और चांदी की लॉन्ग टर्म ग्रोथ क्षमता के अनुरूप धीरे-धीरे एक्सपोजर बनाने में मदद कर सकती है।