साल 2021 के पहले नौ महीनों के दौरान निजी इक्विटी एवं वेंचर कैपिटल (पीई-वीसी) फर्मों का कुल 840 सौदों के तहत भारतीय कंपनियों में निवेश रिकॉर्ड 49 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पिछले कैलेंडर वर्ष के दौरान यह आंकड़ा 39.5 अरब डॉलर रहा था। इस प्रकार पीई-वीसी निवेश में 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों से पता चलता है कि यूनिकॉर्न यानी 1 अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप में पीई-वीसी निवेश 20 अरब डॉलर का रहा। इससे 29 नए स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने में मदद मिली। पीई-वीसी निवेश के कुल पाई चार्ट में यूनिकॉर्न स्टार्टअप में निवेश की हिस्सेदारी साल 2021 में अब तक करीब 41 फीसदी रही। जुलाई से सितंबर तिमाही के दौरान ऐसे 28 सौदों के तहत 10 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया गया।
तीसरी तिमाही के दौरान 368 सौदों के तहत पीई-वीसी का कुल निवेश 20.1 अरब डॉलर रहा जो पिछली तिमाही के मुकाबले 35 फीसदी और एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 69 फीसदी अधिक है। तिमाही के दौरान 10 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के 40 मेगा सौदे हुए और इन सौदों के तहत कुल निवेश 15.9 अरब डॉलर का रहा। जबकि एक साल पहले की समान अवधि के दौरान ऐसे 15 सौदों के तहत कुल 9.9 अरब डॉलर का निवेश किया गया था।
ईवाई इंडिया के पार्टनर एवं नैशनल लीडर- निजी इक्विटी सेवाएं, विवेक सोनी ने कहा, ‘पीई-वीसी निवेश की रफ्तार लगातार बरकरार है जिससे इन दोनों का निवेश एवं निकास सर्वकालिक ऊंचाइयों पर हैं। सौदा संबंधी गतिविधियों में शुद्ध रूप से पीई-वीसी निवेश का वर्चस्व है, विशेष तौर पर स्टार्टअप क्षेत्र में। जबकि पहले इस तरह के अधिकांश
निवेश रियल एस्टेट एवं बुनियादी ढांचा परिसंपत्ति श्रेणियों में देखा जाता था।’
वेंचर इंटेलिजेंस के संस्थापक अरुण नटराजन के अनुसार, हालिया तिमाही का मुख्य आकर्षण भारतीय उपभोक्ता बाजार पर केंद्रित कंपनी जोमैटो और वैश्विक एंटरप्राइज सास केंद्रित कंपनी फ्रेशवक्र्स के सफल आईपीओ रहे। उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार के नकदी प्रवाह वाली घटनाओं से भारत में घरेलू एवं विदेशी दोनों निवेशकों से पीई-वीसी निवेश की हिस्सेदारी बढ़ेगी।’
