वर्ष 2023 की पहली तिमाही के दौरान भारत में निजी इक्विटी निवेश सालाना आधार पर 75 फीसदी कम होकर 2.2 अरब डॉलर रह गया। यह गिरावट वाली लगातार छठी तिमाही थी और इसके लिए मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल भू-राजनीतिक और व्यापक आर्थिक परिस्थितियों की चुनौतियां जिम्मेदार थीं।
वर्ष 2018 के बाद से यह भारत में पीई निवेश के मामले में मूल्य के लिहाज से किसी साल की सबसे निचले स्तर वाली शुरुआत है, जब सौदे का कुल मूल्य 1.7 अरब डॉलर था।
रिफाइनिटिव के आंकड़ों के अनुसार भारत में स्थित फंडों द्वारा रकम जुटाने की गतिविधि वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 51.3 फीसदी तक घटकर 2,58.789 करोड़ डॉलर रह गई, जो वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 4,71.734 करोड़ डॉलर थी।
बैंकरों ने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में सौदों में सुधार होने की उम्मीद है और कई सौदों पर काम चल रहा है।