Hindenburg-Adani Case: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच के पति धवल बुच हिंडनबर्ग की उस नई रिपोर्ट के बाद जांच के घेरे में आ गए हैं, जिसमें दावा किया गया कि इस दंपती ने उन्हीं ऑफशोर यानी विदेशी कंपनियों में पैसा लगाया था जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर अदाणी समूह की शेयर कीमतें बढ़ाने में किया गया था।
धवल बुच के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार बुच निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन और कंसल्टेंसी फर्म अल्वारेज ऐंड मार्शल में वरिष्ठ सलाहकार और स्पोर्ट्स अपैरल ब्रांड गिल्डन में गैर-कार्यकारी निदेशक हैं। उन्हें खासकर यूनिलीवर में आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में तीन दशक का लंबा अनुभव है। यूनिलीवर में वह चीफ प्रोक्यूरमेंट ऑफीसर थे।
उन्होंने यूनिलीवर छोड़ने के बाद कुछ समय महिंद्रा ऐंड महिंद्रा समूह में भी काम किया। 2013 में उन्होंने अपनी पत्नी माधवी के साथ सिंगापुर में वित्तीय सेवा परामर्श फर्म अगोरा एडवाइजरी की स्थापना की। माधवी ने आईसीआईसीआई ग्रुप में एक दशक से अधिक समय तक काम किया था जहां वह निवेश बैंकिंग और ब्रोकिंग कंपनी आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में मुख्य कार्यकारी अधिकारी थीं।
हिंडनबर्ग रिसर्च के अनुसार 27 मार्च 2013 को सिंगापुर में अगोरा पार्टनर्स को पंजीकृत किया गया था और शुरू में माधवी की इसमें पूरी 100 प्रतिशत शेयरधारिता थी। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर के सार्वजनिक खुलासे के अनुसार मार्च 2022 में माधवी ने ये सभी होल्डिंग अपने पति धवल के नाम स्थानांतरित कर दीं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर में पंजीकृत वित्तीय सेवा परामर्श फर्म अगोरा पार्टनर्स को वित्तीय विवरण जारी करने से छूट है जिससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि वह कितना राजस्व किससे कमाती है।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि 2019 में ब्लैकस्टोन में वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर धवल की नियुक्ति असामान्य थी क्योंकि पूंजी बाजार या रियल एस्टेट में उनका कोई अनुभव नहीं था। इसमें दावा किया गया कि ब्लैकस्टोन को रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) बाजार में सेबी के नियामकीय बदलावों का अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हुआ जिसमें सलाहकार के रूप में धवल के कार्यकाल के दौरान किए गए परिवर्तन भी शामिल हैं।
इसमें आरोप लगाया गया है, ‘ब्लैकस्टोन में सलाहकार के तौर पर धवल के कार्यकाल के दौरान सेबी ने प्रमुख रीट नियमों में बदलावों के प्रस्ताव रखे और स्वीकृति प्रदान की। इनमें सात परामर्श पत्र, तीन समेकित अपडेट, दो नए नियामक मसौदे और यूनिटों के लिए नामांकन अधिकार शामिल हैं, जिनसे विशेष रूप से ब्लैकस्टोन जैसी निजी इक्विटी फर्मों को लाभ हुआ।
ब्लैकस्टोन भारत के पहले सूचीबद्ध रीट एम्बेसी रीट में प्रायोजक थी। दिसंबर 2023 में ब्लैकस्टोन ने एम्बेसी रीट में करीब 7,000 करोड़ रुपये में अपना पूरा हिस्सा बेच दिया था। ब्लैकस्टोन की माइंडस्पेस रीट में भी हिस्सेदारी है। माइंडस्पेस रीट का आईपीओ अगस्त 2020 में आया था और रिटेल रीट नेक्सस सलेक्ट ट्रस्ट पिछले साल मई में सूचीबद्ध हुई थी।
हिंडेनबर्ग ने प्रमुखता से बताया कि कैसे सेबी प्रमुख ने निवेशकों से रीट परिसंपत्ति वर्ग को ‘सकारात्मक रूप से’ देखने का आग्रह किया लेकिन ‘ब्लैकस्टोन (जिसे उनके पति सलाह देते हैं) का नाम नहीं लिया जिसे इस परिसंपत्ति वर्ग से काफी लाभ होगा।’