बेंचमार्क निफ्टी में छह दिन से चली आ रही तेजी का सिलसिला इस चिंता के बीच थम गया कि चीन में जिस तरह से सुधार हो रहा है, वह भारत में आ रहे विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को ले सकता है। भारत महंगा बाजार भी है। बैंकिंग दिग्गज एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में गिरावट का बाजार पर असर पड़ा। लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी दिग्गज इन्फोसिस और एचसीएल टेक में हुई बढ़त से नुकसान को कम करने में मदद मिली।
पिछले छह कारोबारी सत्रों में 3.3 फीसदी की बढ़त दर्ज करने के बाद निफ्टी 37 अंकों की गिरावट के साथ 26,179 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 264 अंक गिरकर 85,572 पर बंद हुआ। एफपीआई 1,209 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 6,887 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। देसी संस्थागत निवेशकों की तरफ से मजबूत निवेश निफ्टी सूचकांकों के पुनर्संतुलन की वजह से आया।
शुक्रवार को चीन के बाजारों में बढ़त और हाल की इस खबर से अटकलें लगीं कि चीन की सरकार अर्थव्यवस्था को बहाल करने की कोशिश कर रही है, जिससे भारत आने वाले एफपीआई निवेश पर असर पड़ सकता है। विश्लेषकों ने कहा कि उभरते बाजारों के अग्रणी 45 फंडों में से 80 फीसदी चीन पर अंडरवेट हैं। अगर ये फंड अपने अंडरवेट रुख में बदलाव करते हैं तो भारत की कीमत पर और भी निवेश चीन जा सकता है।
चीन के शेयर भारत के मूल्यांकन से आधे पर कारोबार कर रहे हैं और अर्थव्यवस्था व बाजारों को मजबूत करने के चीन के अधिकारियों के ताजा कदमों को प्रभावी माना जा रहा है और चीन के बाजारों ने साल 2008 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक उछाल दर्ज की है।
इस हफ्ते चीन के अग्रणी नेताओं ने राजकोषीय खर्च को समर्थन देने और प्रॉपर्टी सेक्टर को स्थिर करने की कोशिशों का वादा किया। उन्होंने आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे नागरिकों को एकमुश्त नकदी देने की भी घोषणा की और बेरोजगारों को और लाभ देने का वादा किया।
बीएसई मेटल इंडेक्स इस उम्मीद में 1.2 फीसदी चढ़ गया कि प्रोत्साहन वाले चीन के नए कदमों से धातुओं और जिंसों की वैश्विक मांग में इजाफा होगा।
निफ्टी आईटी इंडेक्स 0.4 फीसदी चढ़ा जब अमेरिकी सूचीबद्ध आईटी कंपनी एक्सचेंर का शेयर एआई संबंधी सेवाओं की मांग बढ़ने के कारण चढ़ गया। विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका में मांग परिदृश्य सुधरने से आईटी फर्मों को फायदा मिल सकता है।
नोमूरा ने एक नोट में कहा कि जरूरत के अलावा खर्च करने की मांग में मजबूत सुधार में कुछ तिमाही लग सकती हैं। लेकिन हमारी राय में इसके और खराब होने की आशंका नहीं है। उम्मीद है कि लार्जकैप की राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में सुधरेगी। ब्याज दर में कटौती के चक्र और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद वहां के कंपनी जगत के फैसले करने से मांग को प्रोत्साहन मिल सकता है।
विशेषज्ञों ने कहा, चीन के घटनाक्रम और भारत से निवेश चीन की ओर जाने की संभावना अगले कुछ हफ्तों में बाजार की दिशा तय कर सकती है। इसके अलावा कारोबारी दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले अपनी पोजीशन हल्की रख सकते हैं।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि हालिया उत्साहजनक बढ़ोतरी के बाद बेंचमार्क सूचकांकों थोड़ा ऊपर-नीचे होते रहे क्योंकि निवेशकों ने उच्चस्तर पर मुनाफावसूली की। निवेशकों की नजर दूसरी तिमाही की आय रिपोर्ट पर है और वे आय परिदृश्य में सुधार का अनुमान लगा रहे हैं। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिलाजुला रहा और 1,979 शेयर चढ़े जबकि 1,957 में गिरावट आई।