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लिस्टिंग पर तगड़ी कमाई कराने वाले NBFC Stock पर ब्रोकरेज ने शुरू की कवरेज, कहा- खरीदें, ₹900 तक जाएगा भाव

एमके ब्रोकरेज ने HDB फाइनेंशियल सर्विसेज (HDBFS) पर अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि जून 2026 तक इसका शेयर ₹900 तक जा सकता है।

Last Updated- July 02, 2025 | 2:47 PM IST
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एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी HDB Financial Services (HDBFS) ने बुधवार, 2 जुलाई को शेयर बाजार में जबरदस्त एंट्री ली। कंपनी के शेयर NSE और BSE पर ₹835 पर लिस्ट हुए, जो कि इसके इश्यू प्राइस ₹740 से करीब 12.84% ज्यादा है। लेकिन लिस्टिंग के इस तगड़े मुनाफे के बावजूद, ब्रोकरेज हाउस एमके Global का मानना है कि HDBFS में अभी और दम बाकी है, और निवेशकों को इसमें BUY रेटिंग के साथ बने रहना चाहिए।

एमके ब्रोकरेज ने तय किया ₹900 का टारगेट

एमके ब्रोकरेज ने HDB फाइनेंशियल सर्विसेज (HDBFS) पर अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि जून 2026 तक इसका शेयर ₹900 तक जा सकता है। यह इसके लिस्टिंग प्राइस के मुकाबले करीब 22% ज्यादा है। पोर्ट में कहा गया है कि HDBFS का बिजनेस मॉडल काफी मजबूत है। कंपनी छोटे शहरों और गांवों (टियर-4 और उससे छोटे इलाकों) में लोगों को लोन देने पर फोकस करती है। इसके साथ ही, इसका मैनेजमेंट बहुत अनुभवी और स्थिर है। इन्हीं वजहों से यह कंपनी आने वाले समय में एक बड़ी लोन देने वाली संस्था (लेंडिंग फ्रेंचाइज़ी) बन सकती है। ब्रोकरेज का यह भी मानना है कि FY27 तक कंपनी का वैल्यूएशन यानी शेयर का मूल्यांकन उसकी बुक वैल्यू के 3 गुना तक पहुंच सकता है।

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छोटे शहरों और सीमित क्रेडिट हिस्ट्री वाले ग्राहकों का भरोसा

HDBFS की खासियत यह है कि यह ऐसे ग्राहकों को लोन देती है, जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री या तो नहीं होती या बहुत सीमित होती है। इसके 1.9 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं और इसका लोन पोर्टफोलियो (AUM) ₹1.1 लाख करोड़ से भी ज्यादा का है। कंपनी की 1770 शाखाएं देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हैं, जिनमें से 70% टियर-4 और उससे छोटे इलाकों में हैं। इसका डायरेक्ट सोर्सिंग मॉडल, जिसमें 82% लोन सीधे दिए जाते हैं, फील्ड में मजबूत पकड़ दर्शाता है।

HDFC बैंक की विरासत और मुनाफे की स्थिरता

HDBFS को HDFC बैंक की मजबूत पैरेंटेज का पूरा फायदा मिला है। इसे AAA रेटिंग मिली है, ब्रांड पर लोगों का भरोसा है और कंपनी को सस्ती दरों पर फंडिंग मिल रही है। यही नहीं, इसका टॉप मैनेजमेंट पिछले 10 वर्षों से भी अधिक समय से कंपनी के साथ बना हुआ है। डिमॉनेटाइजेशन, जीएसटी और कोविड जैसे झटकों के बावजूद HDBFS ने 2009-10 से अब तक लगातार मुनाफा कमाया है, और 2017 के बाद से किसी भी बाहरी स्रोत से पूंजी नहीं जुटाई है।

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ब्याज दरों में कटौती और सरकारी प्रोत्साहन से मिल सकता है और बल

एमके ब्रोकरेज का मानना है कि भारत में ब्याज दरों में संभावित कटौती और सरकार द्वारा क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा देने के प्रयास HDBFS के लिए फायदेमंद साबित होंगे। ब्याज दरों में गिरावट से कंपनी की नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) बढ़ेगी, जबकि बेहतर कलेक्शन मॉडल की वजह से क्रेडिट कॉस्ट में भी कमी आएगी। FY25 से FY28 के बीच HDBFS का AUM करीब 20% की सालाना दर से बढ़ सकता है और FY28 तक कंपनी का RoA 2.7% और RoE 17% तक पहुंच सकता है।

एक संभावित जोखिम: RBI का नया ड्राफ्ट सर्कुलर

हालांकि, एमके ब्रोकरेज ने एक अहम जोखिम की ओर भी इशारा किया है। RBI के अक्टूबर 2024 के एक ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा गया है कि कोई भी बैंक और उसकी सब्सिडियरी कंपनी एक जैसे व्यवसाय नहीं कर सकते। अगर यह नियम लागू होता है, तो HDFC बैंक को HDBFS में अपनी हिस्सेदारी 20% से नीचे लानी पड़ सकती है। इससे कंपनी की शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर और ग्रोथ रणनीति पर असर पड़ सकता है।

First Published - July 2, 2025 | 2:47 PM IST

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