Top-3 Nifty-50 Index Funds: ब्रोकरेज हाउस शेयरखान (Sharekhan) ने म्युचुअल फंड पर अपनी अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट जारी की है। इस बार, ब्रोकरेज ने निफ्टी-50 टोटल रिटर्न इंडेक्स (Nifty 50 TRI) को ट्रैक करने वाले तीन फंड्स को Top Pick बनाया है। इनमें यूटीआई निफ्टी 50 इंडेक्स फंड, एचडीएफसी निफ्टी 50 इंडेक्स फंड और नवी निफ्टी 50 इंडेक्स फंड के नाम शामिल हैं। बीते तीन साल में Nifty 50 TRI ने 13.4 फीसदी का रिटर्न दिया है। 0.02 से 0.03 फीसदी के मामूली ट्रैकिंग एरर के साथ तीनों ही फंड्स अपने बेंचमार्क इंडेक्स के परफॉर्मेंस को दोहराने में सफल रहे हैं। तीनों फंड्स ने 13 फीसदी तक का रिटर्न दिया है।
शेयरखान ने टॉप पिक में इस बार Nifty 50 TRI को ट्रैक करने वाले इन स्कीम्स को शामिल किया है। इन स्कीम्स ने निवेशकों को हर साल 13 फीसदी तक अच्छा रिटर्न दिया है।
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एकमुश्त निवेश: ₹1 लाख
3 साल का रिटर्न: 13.1% CAGR
3 साल बाद फंड की वैल्यू: ₹1.45 लाख
मिनिमम निवेश: ₹1,000
मिनिमम SIP निवेश: ₹500
एक्सपेंस रेशियो: 0.29%
ट्रैकिंग एरर: 0.02%
AUM: ₹23,719 करोड़
एकमुश्त निवेश: ₹1 लाख
3 साल का रिटर्न: 13% CAGR
3 साल बाद फंड की वैल्यू: ₹1.44 लाख
मिनिमम निवेश: ₹100
मिनिमम SIP निवेश: ₹100
एक्सपेंस रेशियो: 0.35%
ट्रैकिंग एरर: 0.02%
AUM: ₹20,527 करोड़
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एकमुश्त निवेश: ₹1 लाख
3 साल का रिटर्न: 13% CAGR
3 साल बाद फंड की वैल्यू: ₹1.44 लाख
मिनिमम निवेश: ₹100
मिनिमम SIP निवेश: ₹100
एक्सपेंस रेशियो: 0.26%
ट्रैकिंग एरर: 0.03%
AUM: ₹3,436 करोड़
नोट: स्कीम्स का रिटर्न 29 अगस्त 2025 तक की NAV के आधार पर।
इंडेक्स फंड एक प्रकार का पैसिवली मैनेज्ड म्युचुअल फंड होता है, जो किसी मार्केट इंडेक्स — जैसे NIFTY 50, NIFTY Next 50 या BSE Sensex — को ट्रैक करता है और उसके परफॉर्मेंस को दोहराने की कोशिश करता है। चुने गए इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराने के लिए, इंडेक्स फंड उसी इंडेक्स में शामिल शेयरों को उसी अनुपात में रखता है जैसे वे इंडेक्स में होते हैं।
उदाहरण के तौर पर, किसी एक्टिवली मैनेज्ड म्युचुअल फंड में जब आप निवेश करते हैं, तो आपका पैसा एक स्कीम में लगाया जाता है और फिर फंड मैनेजर यह तय करता है कि कौन-से शेयर खरीदने या बेचने हैं और किस कीमत पर। इस प्रक्रिया में कई बार शेयरों की खरीद-बिक्री होती है, इसलिए इसे एक्टिव इन्वेस्टिंग कहा जाता है।
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वहीं, पैसिव इन्वेस्टिंग में फंड मैनेजर शेयरों का एक पोर्टफोलियो तैयार करता है और उसमें हर शेयर का वेटेज (हिस्सा) उसी अनुपात में रखता है जैसा कि ट्रैक किए जा रहे इंडेक्स में होता है। यानी फंड मैनेजर यह तय नहीं करता कि किन शेयरों में निवेश करना है या नहीं करना, बल्कि वह सिर्फ चुने गए इंडेक्स के पोर्टफोलियो को हूबहू दोहराता है।
(डिस्क्लेमर: ब्रोकरेज हाउस शेयरखान की रिपोर्ट के आधार पर टॉप पिक की डीटेल दी गई है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)