म्युचुअल फंडों (MF) द्वारा पेश योजनाओं की रफ्तार इस वित्त वर्ष में सुस्त रही, क्योंकि इंडेक्सेशन लाभ के नुकसान के बाद डेट फंड पेशकशों पर प्रभाव पड़ा।
उद्योग ने वित्त वर्ष 2023 में 253 नई योजनाएं पेश की थीं और ज्यादातर निर्धारित आय से जुड़ी हुई थीं। इस वित्त वर्ष अब तक पेश हुईं कुल योजनाओं की संख्या 24 है, जिनमें से सिर्फ 3 ही डेट से जुड़ी हुई हैं। MF अधिकारियों का कहना है कि किसी नई फंड पेशकश आने से पहले वे मांग हालात का जायजा ले रहे हैं।
एक वरिष्ठ MF अधिकारी ने कहा, ‘सामान्य तौर पर मांग (व्यक्तिगत निवेशकों और कंपनियों, दोनों से) इंडेक्सेशन लाभ में नुकसान की वजह से घट जाती है। यदि मांग में सुधार आता है तो हम योजनाएं पेश करने की संभावना तलाशेंगे।’
वित्त वर्ष 2023 तक टार्गेट मैच्युरिटी फंड (TMF) नई पेशकशों के संदर्भ में प्रमुख श्रेणी के तौर पर उभरे थे, क्योंकि फंड हाउस टीएमएफ क्षेत्र में कई पेशकशों के लिए तैयार हैं। यह क्षेत्र कंपनियों और छोटे निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा था। फंड हाउसों में उत्साह बना हुआ था कि TMF बैंक सावधि जमाओं (FD) के मजबूत विकल्प के तौर पर उभर सकते हैं।
वित्त वर्ष 2023 में कुल 65 TMF की पेशकश की गई थी और फंड हाउसों ने प्रतिफल बढ़ाने के प्रयास में बेहतर रिस्क-रिवार्ड अनुपात के साथ खास योजनाओं पर जोर दिया और अपनी पेशकशों को खास बनाया।
TMF सक्रिय तौर पर प्रबंधित डेट फंड होते हैं जो परिपक्वता की खास तारीख से जुड़े होते हैं। यदि निवेशक परिपक्वता की तारीख तक निवेश से जुड़ा रहता है तो वे संभावित प्रतिफल देते हैं। ज्यादातर योजनाएं खासकर सरकारी प्रतिभूतियों और सरकारी बॉन्डों में निवेश करती हैं। हालांकि इस वित्त वर्ष से कराधान में बदलाव की वजह से उद्वोग को अपनी TMF योजनाएं टालने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
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अप्रैल 2023 में इंडेक्स फंडों में पूंजी प्रवाह (ऐक्टिव और पैसिव फंडों, दोनों समेत) के साथ TMF के लिए मांग घटती दिखी। इंडेक्स फंडों को अप्रैल में महज 147 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह मिला, जो दिसंबर 2020 से सबसे कम है। शुद्ध पूंजी प्रवाह वित्त वर्ष 2023 के ज्यादातर समय में 5,000 करोड़ रुपये के आसपास बना रहा।
जैन इन्वेस्टमेंट एडवायजर्स के संस्थापक विनोद जैन का कहना है, ‘डेट फंडों का आकर्षण निश्चित तौर पर घटा है। हम अभी भी मध्यावधि से लंबी अवधि के डेट फंडों में निवेश का सुझाव दे रहे हैं, लेकिन यह मुख्य तौर पर कम कर दायरे में आने वाले लोगों के लिए उपयुक्त है। TMF जैसी योजनाएं उन खास निवेशकों के लिए अभी भी फायदेमंद बनी हुई हैं जो पूंजीगत लाभ की उम्मीद में लंबी अवधि के लिए पैसा निवेशित रखना चाहते हैं।’
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डेट फंडों के संदर्भ में दीर्घावधि पूंजीगत लाभ (LTCG) कर छूट के साथ कराधान व्यवस्था का लाभ वित्त वर्ष 2023 तक किया गया, जिसके बाद इसकी समाप्ति के बाद इन योजनाओं की चमक फीकी पड़ी है।